बीते 12 नवंबर से उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 कर्मियों की मंगलवार शाम बाहर निकाल लिया गया। इन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चार सौ घंटे तक चला। यह 57 मीटर मलबे के दोनों किनारों पर मौजूद लोगों के लिए धैर्य और दृढ़ता की परीक्षा थी इस दौरान बचाव अभियान में कई बाधाएं आईं लेकिन आखिरकार यह ऑपरेशन सफल हुआ। शाम को लगभग 8 बजे, पहले कर्मचारी को बाहर निकाला गया और एम्बुलेंस में मेडिकल सेंटर ले जाया गया।
इससे पहले देशभर में इन कर्मियों के लिए प्रार्थनाएं की जा रहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने इन कर्मियों के सुरक्षित बाहर आने के लिए दुआ मांगी। दोपहर में, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोशल मीडिया पोस्ट की। इसके बाद अभियान की सफलता की उम्मीद बंधी। उन्होंने लिखा कि “बाबा बौख नाग जी की अपार कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थनाओं और सभी बचाव टीमों के अथक परिश्रम का परिणाम है।” मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में पाइप बिछाने का काम पूरा हो चुका है, जल्द ही सभी भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।”
उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।
टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
यह अत्यंत…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रेस्क्यू मिशन की सफलता को भावुक कर देने वाली बताया। उन्होंने कहा कि टनल में जो लोग फंसे हुए थे उनका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित करने वाला है। वहीं कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस बचाव अभियान की सफलता पर खुशी जताई।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में पिछले 17 दिनों से फँसे हुए मज़दूरों को आज सकुशल टनल से बाहर निकाला गया ये हम सभी के लिए बेहद राहत और हर्ष की बात है।
140 करोड़ भारतीयों की प्रार्थना व NDMA समेत सभी एजेंसियों का इतने दिनों से चल रहा ऑपरेशन आख़िरकार कामयाब हुआ, आप…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 28, 2023
इसके बाद शाम को धामी रेस्क्यू मिशन के आखिरी चरण में सुरंग के अंदर पहुंचे और इसके बाद एक एक करके सभी कर्मियों को बाहर निकाला गया। इस दौरान राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा था। इसके अलावा राज्य सेवा के कर्मचारी भी इस दौरान मुस्तैद थे। लोगों को बाहर निकालने से पहले, अंदर एक उनके स्वास्थ्य की जांच की गई। इस दौरान उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तमाम इंतज़ाम किए गए थे।
एम्बुलेंस ड्यूटी पर मौजूद फार्मासिस्ट डीसी नौटियाल ने मीडिया से कहा कि वे बचाए गए श्रमिकों को सुरंग से 30 किमी दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे हैं, जहां उनके लिए 41 बिस्तरों वाला एक अलग सेक्शन तैयार किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि कर्मियों को 48-72 घंटों तक चिकित्सा निगरानी में रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर बचाए गए कर्मियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए वायु सेना को भी तैयार रखा गया था।
#WATCH | Uttarkashi tunnel rescue | NDRF personnel engaged in the rescue operation begin celebration as the 41 workers trapped inside the Silkyara tunnel were successfully rescued. pic.twitter.com/ZxIxAskZ5U
— ANI (@ANI) November 28, 2023
बचाव कार्य से 41 परिवारों पर को भी भारी चिंता से मुक्ति मिली। सभी के परिजन काफी समय से इसी इलाके में उनके इंतज़ार में रह रहे थे। वहीं जिन बचाव कर्मियों ने इस अभियान को पूरा किया उन्होंने भी इसका जश्न मनाया।