सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए देश के 28 जिलों में नए नवोदय विद्यालय खोलने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया। इन नए स्कूलों से ग्रामीण इलाकों के हजारों बच्चों को फायदा मिलेगा, जो आमतौर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
क्या हैं नवोदय विद्यालय और क्यों हैं खास?
नवोदय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय स्कूल हैं, जहां बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दी जाती है। इनमें दाखिला एक परीक्षा के जरिए होता है, जो बच्चों की योग्यता पर आधारित होती है। खास बात यह है कि इन स्कूलों में ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।
28 नए स्कूलों से फायदा
सरकार का कहना है कि हर नवोदय विद्यालय में 560 बच्चों के पढ़ने की क्षमता होगी। इसका मतलब है कि इन 28 स्कूलों से करीब 15,680 बच्चों को सीधा फायदा होगा। इसके अलावा, हर स्कूल में 47 स्थायी पद बनाए जाएंगे, जिससे 1,316 लोगों को नौकरी मिलेगी। निर्माण कार्य और दूसरी गतिविधियों से स्थानीय मजदूरों और छोटे कारोबारियों को भी काम मिलेगा।
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नवोदय विद्यालयों को हमेशा से उनकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां के छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल, सिविल सर्विस और अन्य क्षेत्रों में हर साल शानदार प्रदर्शन करते हैं। साथ ही, इन स्कूलों में लड़कियों और पिछड़े वर्गों का नामांकन बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इन स्कूलों में अब 42% लड़कियां, 24% अनुसूचित जाति और 20% अनुसूचित जनजाति के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।