श्रीनगर। मशहूर सूफी कवि अमीर खुसरो ने कश्मीर के बारे में कहा था कि ‘धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं’…। कवि अमीर खुसरो की ये पंक्तियां कश्मीर की खूबसूरती को बखूबी बयां करती हैं।
कश्मीर मुख्य रूप से अपनी खूबसूरत वादियों, घाटियों और प्राकृतिक नजारों के लिए ही मशहूर है। इसी खूबसूरती के कारण आज कश्मीर पर्यटकों के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं की भी पहली पसंद बन गया है।
कश्मीर घाटी एक बार फिर फिल्म शूटिंग का केन्द्र बन रही है। पिछले दो सालों में बॉलीवुड की 200 फिल्मों, वेब सीरीज और एल्बम की शूटिंग को यहां मंजूरी दी गई। ये पिछले 34 साल का रिकॉर्ड आंकड़ा है।
कश्मीर के हालत अब सुरक्षा की दृष्टि से काफी बेहतर हो गए हैं। यहीं कारण है कि आज बॉलीवुड सहित दक्षिण भारतीय फिल्मकार भी यहां पर शूटिंग करने आ रहे हैं।
करीब 34 साल बाद शूटिंग हुई शुरू –
1970-80 के दशक में कश्मीर फिल्मों की शूटिंग का गढ़ हुआ करता था। सैकड़ों फिल्में यहां शूट होती थीं। हालांकि बाद में आतंकवाद के कारण फिल्म उद्योग के लोगों ने यहां आना लगभग बंद कर दिया। अब सरकार ने फिल्म निर्माताओं को वापस कश्मीर में फिल्म बनाने के लिए आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
पिछले साल जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक नई फिल्म नीति लॉन्च की, जिससे फिल्म उद्योग के लोगों को वापस कश्मीर की ओर आकर्षित किया जा सके। इस कदम से अब बदले माहौल में लोग जम्मू कश्मीर में फिल्म शूटिंग के लिए लौट रहे हैं और इनकी संख्या पहले की तुलना में ज्यादा है।
स्थानीय कलाकारों को भी मिल रहा मौका –
जम्मू-कश्मीर फिल्म विकास परिषद (JKFDC) के गठन के बाद कलाकारों के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब तक लगभग एक हजार से ज्यादा कलाकारों का जेकेएफडीसी में रजिस्ट्रेशन हुआ है।
इससे स्थानीय कलाकारों को काम मिलने में आसानी होती है। अब कलाकारों के साथ-साथ फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े लाइन प्रोड्यूसरों, टेक्नीशियनों और कैमरापर्सन को भी पर्याप्त काम मिल रहा है।
कश्मीर का रुख क्यों कर रहे हैं फिल्म निर्माता –
बॉलीवुड के अलावा टॉलीवुड सहित रीजनल फिल्म निर्माता भी अब कश्मीर का रुख कर रहे हैं। फिल्मों के अलावा कई म्यूजिक एलबम की शूटिंग भी यहां हो रही है। फिल्म उद्योग के लोगों को वापस कश्मीर की ओर आकर्षित करने के लिए नई फिल्म नीति लॉन्च की गई।
इसके अलावा फिल्म शूटिंग की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर फिल्म विकास परिषद (JKFDC) का गठन हुआ था। यह कश्मीर में शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की आसान प्रक्रिया।
इसके द्वारा फिल्म जगत के लोगों को एक ही पोर्टल से आसानी से मंजूरी मिल जाती है। यहां शूटिंग स्थल पर मुफ्त सुरक्षा भी दी जाती है। फिल्म निर्माता अब यहां केवल शूटिंग ही नहीं कर रहे बल्कि कश्मीर में नए डेस्टिनेशन की तलाश भी कर रहे हैं।
वैसे तो जम्मू-कश्मीर में फिल्मों की 90% शूटिंग कश्मीर में होती है। लेकिन अब फिल्मकार कश्मीर के गुलमर्ग, पहलगाम, डल लेक जैसे परंपरागत स्थलों के अलावा नए डेस्टिनेशन जैसे बांदीपोरा के गुरेज और वूलर, दूधपथरी और योशमर्ग में शूटिंग कर रहे हैं।
एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हुई घाटी –
जम्मू-कश्मीर में जिस तरह इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, कनेक्टिविटी बढ़ रही है, उससे टूरिज्म सेक्टर भी मजबूती मिली है। इन दिनों कश्मीर लोगों का सबसे फेवरेट टूरिस्ट प्लेस बन गया है।
यही वजह है कि फरवरी माह में कश्मीर घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का एक लाख से अधिक सैलानियों ने नजारा देखा है।
पर्यटन विभाग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी। इससे पहले 1 जनवरी 2022 से 21 दिसंबर 2022 तक लगभग 26 लाख टूरिस्ट्स ने कश्मीर का दौरा किया था।
आखिर लोगों को क्यों भा रहा है कश्मीर –
कश्मीर आज कल सबको लुभाने के साथ-साथ सबके मन को भा भी रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में काफी कमी आई है।
2018 में जहां 417 मामले सामने आए थे, वहीं 2021 में यह घटकर 229 मामले रह गए। अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का लगातार विकास हो रहा है।
आतंकी घटनाओं में कमी आने के कारण यहां निवेश में भी चार गुना बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी फोकस किया गया है जिससे लोगों का यहां पहुंचना पहले की अपेक्षा काफी आसान हो गया है।
कश्मीर तक राज्य के अन्य भागों तक ट्रेन कनेक्टिविटी की कोशिश अभी भी जारी है। इंटरनेशनल फ्लाइट श्रीनगर से शारजाह के लिए शुरू हो चुकी है। इससे पहले श्रीनगर और जम्मू से भी रात में कोई उड़ान नहीं होती थी और अब दोनों शहरों से रात की उड़ानें भी शुरू हो चुकी है।