तिरुवनंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस के साथ ही अब जीका वायरस का खतरा चिंता बढ़ा रहा है। शुक्रवार को जीका वायरस संक्रमण के 13 नए मामले सामने आए हैं जबकि एक दिन पहले ही एक गर्भवती महिला में इस वायरस की पुष्टि हुई थी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि गुरुवार को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) को 19 संदिग्धों के सैंपल भेजे गए थे, जहां से शुक्रवार को रिपोर्ट मिली है जिसमें 13 लोगों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है।
इन संक्रमितों में डॉक्टर समेत 13 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। जीका वायरस से संक्रमित होने के लक्षण डेंगू जैसे ही बुखार आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों में दर्द होना होते हैं।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य के लिए रवाना हुआ है।
Correction | Total positive cases of Zika virus are 14* in state. Our dept is on high alert & monitoring the situation closely. For COVID, we've always tried to keep number of cases below medical capacity. No one died in Kerala due to lack of oxygen supply: Kerala Health Minister pic.twitter.com/pI2Prx7Fns
— ANI (@ANI) July 10, 2021
बता दें कि गुरुवार को तिरुवनंतपुरम के पारसलेन की रहने वाली 24 साल की गर्भवती महिला में जीका वायरस संक्रमण का पहला केस सामने आया था। उसका यहां एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक हफ्ते पहले उसकी मां में भी वायरस के लक्षण देखे गए थे।
राज्य सरकार ने गुरुवार को बताया कि महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है, लेकिन उनका घर तमिलनाडु सीमा पर है। एक हफ्ते पहले उनकी मां में भी इसी तरह के लक्षण दिखे थे।
जीका वायरस एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलने वाली एक बीमारी है। ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया के वायरस भी फैलाते हैं। एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं।
एक बार जब कोई व्यक्ति मच्छर के काटने से संक्रमित हो जाता है तो वायरस कुछ लोगों में लंबे समय तक उनके खून में पाया जा सकता है। जब कोई दूसरा मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो यह वायरस दूसरे लोगों में फैल सकता है।
किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क, या दूषित रक्त स्रोतों से भी जीका वायरस फैल सकता है। 1952 में युगांडा और यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया में पहली बार इंसान में इसे डिटेक्ट किया गया था।