उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बड़ा हादसा हुआ है। एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें लगभग 122 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इस हादसे में डेढ़ सौ से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं। अस्पताल के बाहर लाशें बिखरी पड़ी हैं। इस दौरान एक पुलिसकर्मी को लाशों की संख्या देखकर हार्ट अटैक आ गया और उनकी भी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक कई मौतें सही समय पर इलाज न मिलने के चलते भी हुई हैं। अस्पताल के बाहर जब सैकड़ों घायल तड़प रहे थे तब एक ही डॉक्टर उनके इलाज के लिए मौजूद था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। योगी खुद भी बुधवार को हादसे वाले स्थान पर पहुंचेंगे।
यह घटना हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई। बताया जा रहा है कि सत्संग खत्म हो गया था और लोग एक साथ बाहर निकल रहे थे। हॉल छोटा था और गेट भी पतला था, जिससे भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ गई।
हादसे के बाद घायलों और मृतकों को बस-टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के बाहर लाशें बिखरी पड़ी थीं। मृतकों और घायलों की संख्या इतनी अधिक थी कि हाथरस के आसपास के जिलों के अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि हाथरस के सिकंदराराऊ CHC में 95 लाशें बिखरी पड़ी हैं। वहीं, एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने कहा है कि हाथरस से अब तक 27 शव एटा लाए गए हैं, जिनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। सत्संग में 20 हजार से अधिक लोगों की भीड़ थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। मृतकों को दो दो लाख रु के मुआवजे का ऐलान किया गया है।
इस मामले में स्थानीय प्रशासन की भी गलतियां बताई जा रहीं हैं। कहा जा रहा है कि इतने बड़े जमावड़े में प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई सतर्कता नहीं बरती।