नए कृषि कानूनों में मंडी बंद होने की अफवाहों के विपरीत किसान नेता एवं प्रदेश के कृषिमंत्री कमल पटेल ने सांईखेड़ा में उफमंडी का लोकार्पण किया। लगभग तीन दशक से सांईखेड़ा में मंडी…
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध एवं दिल्ली बॉर्डर पर बैठे आंदोलनरत किसानों के समर्थन में जिला मुख्यालय खरगोन से बुरहानपुर तक कांग्रेस सेवादल ने किसान संघर्ष यात्रा निकाली।
बुधवार को छतरपुर पहुंची इस ट्रैक्टर रैली ने छत्रसाल चौराहे पर एक आम सभा आयोजित की जिसमें तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर किसानों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक बीबी फौजदार बताते हैं कि अब वे राज्य सरकार के द्वारा इस मामले में नए निर्देश लागू होने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि अगर सरकार पुराना मंडी…
- गलत नीतियों को छुपाने किसानों के खाते में सम्मान निधि डालकर किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही सरकार। - राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर की तीनों बिलों को वापस लेने की…
किसान आंदोलन के तहत निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली अपने चौथे दिन रात्रि विश्राम सिमराही ग्राम किसान चौपाल लगाई गई जहां संख्या में किसान पहुंचे।
रविवार को पूर्व विधायक परसराम डंडीर ने सनावद रोड़ स्थित कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों नए कृषि कानून किसानों…
किसानों की इन मौत से आंदोलनकारी किसान दुखी हैं लेकिन इसके साथ ही सरकार के खिलाफ नाराजगी और बढ़ती जा रही है। इस आंदोलन में दिनों दिन नए किसान शामिल हो रहे हैं।…
- ट्रैक्टर से गांव-गांव में अलख जगाने निकला ग्रामीण अधिकार संगठन। - कृषि कानूनों के खिलाफ 13 जनवरी से शुरू होगा छतरपुर में अनशन।
कांग्रेस का यह प्रदर्शन इस बार काफी प्रभावी नज़र आया। यहां सज्जन सिंह वर्मा, अरुण यादव, योगेश यादव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के तमाम स्थानीय नेताओं…
इस रैली में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व मंत्री जीतू पटवारी सज्जन सिंह वर्मा और विधायक कुणाल चौधरी के साथ युवा कांग्रेस के विक्रांत भूरिया भी मौजूद रहे।
पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जी ने सभी किसानों से प्रार्थना की है कि देश की राजधानी में प्रदेश में 20 तारीख को इकट्ठा हो और प्रार्थना करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी…
मध्यप्रदेश में मंडी बोर्ड के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने अपनी नाराजगी के बारे में मध्यप्रदेश सरकार को बता दिया है। ये संगठन मंडी समितियों के कर्मचारियों को मंडी बोर्ड में शामिल करने के…
किसान धूलिया, जलगांव, परभणी, मालेगाव, नाशिक आदि जिलों से आए थे। यह जत्था उज्जैन, कोटा होते हुए आज शाम जयपुर पहुंचेगा और कल दिल्ली की सिंधु बॉर्डर पहुंचेगा।
करीब चार घंटे चली बैठक के बाद किसानों ने साफ-साफ कहा है कि हमने केंद्र के सामने कृषि कानूनों की वापसी की ही बात रखी थी। किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि कानून…
पंजाब विश्वविद्यालय के 35 छात्रों द्वारा लिखे गए एक पत्र में, यह आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार ने शांति से विरोध करने के किसानों के संवैधानिक अधिकारों को छीनने के लिए…
आंदोलन स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक आठ पर बैरिकेड तोड़ने के लिए आगे बढ़ रहे थे कि इसी दौरान ट्रैक्टर पर लगातार आठ-दस आंसू गैस के गोले दागे गए।
किसान आंदोलन की ये तस्वीरें ट्विटर पर मौजूद हैं। जिन्हें कई लोगों ने अपने अकाउंट से साझा किया है। हम उन सभी का आभार जताते हुए इन तस्वीरों को दिखा रहे हैं।
शनिवार रात तक कुल चौबीस घंटों में किसान आंदोलन के प्रदर्शन क्षेत्र में करीब तीन मौतें हो चुकी हैं। इससे पहले सुबह उप्र के रामपुर के रहने वाले किसान कश्मीर सिंह ने फांसी…
बम्होरी, मटवारा, ठूठी हर्रई और सूरना गांवों के दस किसानों पर उस वक्त गाज गिर गई जब रबी फसल की सिंचाई में लगे पाइप, नोजल पंप, सबमर्सिबल पंप, मोटर पंप आदि बिजली कर्मचारियों…