- किसान विरोधी कानून वापस नहीं हुए तो देशभर में किसान और मजदूर मिलकर आंदोलन तेज करेंगे। - किसान और मजदूर संगठनों ने मिलकर पीथमपुर में धरना, प्रदर्शन और जुलूस निकाला और चक्का…
केंद्र सरकार के लाए गए विवादित कृषि बिलों के विरोध में कांग्रेस और किसान मजदूर महासंघ के आह्वान पर इंदौर-इच्छापुर हाइवे पर छैगांवमाखन में किसानों ने शनिवार दोपहर साढ़े बारह बजे चक्का जाम…
किसान संगठनों की घोषणा के बाद पुलिस और प्रशासन इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए थे। किसान संगठनों के पहुंचने से पहले ही अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंच चुके थे।
इंदौर संभाग के सभी किसान संगठनों द्वारा 6 फरवरी को दोपहर एक बजे तहसील कार्यालय पीथमपुर के समक्ष धरना दिया जाएगा और दोपहर दो बजे यहां से जुलूस निकलकर मराल इंडस्ट्रीज के सामने…
किसानों के साथ छोटे-माध्यम व्यापारी में तबाही लाएगा कृषि कानून - अमित भटनागर। खुले आसमान के नीचे तेईसवें दिन भी जारी रहा किसानों का धरना।
दिल्ली की सीमाओं की तरह मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड में भी किसान आंदोलन जारी है। इस आंदोलन को भले ही ख़बरों में ज़्यादा जगह नहीं मिल रही हो लेकिन इसका फैलाव हो रहा है…
किसान महापंचायत के दौरान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के किसान नेताओं व विभिन्न राजनीतिक दलों के वक्ताओं ने कहा कि सरकार को यह कृषि कानून वापस लेने ही होंगे। साथ ही…
असलम शेर खान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल खड़े किए बल्कि मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का दोषी उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को बताया। इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर…
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी की शाम पुलिस द्वारा उठाये गये दो पत्रकारों में से बाद में गिरफ्तार किये गये एक पत्रकार मनदीप पुनिया को मंगलवार को रोहिणी की अदालत से…
भटनागर का आरोप है कि सरकार को खुश करने के लिए प्रशासन द्वारा उनका धरना खत्म करने की साजिश की जा रही है।
फूलबाग में यह धरना पिछले 31 दिनों से जारी है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को कई लोगों का साथ मिला है और बहुत से लोगों ने मंच से किसान आंदोलन के सर्मथन में आवाज़…
वक्ताओं ने कहा कि किसानों का संकल्प है कि जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मानेगी तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।
तेज़ ठंड में लगातार बैठने के कारण अमित की तबियत बिगड़ी है। इसी तरह दिल्ली की बॉर्डर पर बैठे कई किसानों की तबियत भी ठंड के कारण बिगड़ी और उनमें से कुछ की…
टिकैत ने रोते हुए कहा कि किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है। अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।…
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर…
किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस 26 जनवरी पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के मद्देनजर एक फरवरी को संसद तक प्रस्तावित पैदल मार्च को स्थगित कर दिया है।
वीएम सिंह की अगुवाई वाली राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने बुधवार को शाम साढ़े चार बजे खुद को आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी। साथ ही चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान…
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली परेड के दौरान हुए उपद्रव व हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने अब…
किसान आंदोलन को तय करना होगा कि उसकी अगली यात्रा में कितने और कौन लोग मार्च करने वाले हैं! उन्हें चुनने का काम काम कौन करने वाला है? गांधी चाहते तो उनके दांडी…
सरकार और टीवी मीडिया जहां आंदोलनकारी किसानों को हिंसा का जिम्मेदार बता रही थी तो वहीं दीप सिद्धू के बयान और उनकी तस्वीरों के सामने आने के बाद मामला ही बदल गया। अब…