इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2023 रविवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष की गणना के हिसाब से सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी को रात को करेंगे।
हालांकि उज्जैन के सिद्ध विजय, निर्णय सागर आदि पांचांग के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय अलग-अलग है, लेकिन यह स्पष्ट है कि मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा।
पंडित कपिल शर्मा से जानिये मकर संक्रांति का महत्व, आराधना के मुहुर्त और शुभ कार्य तथा राशिफल।
इस वर्ष संक्रांति का नक्षत्र नाम मंदाकिनी है। मंदाकिनी नाम की संक्रांति क्षत्रियों को सुख समृद्धि प्रदान करती है एवं राजाओं का बल बढ़ाती हैं।
संक्रांति का वाहन व्याघ्र , उपवाहन अश्व है। पीत वस्त्र,गदा आयुध, रजत पात्र, पायस भक्षण, कुमकुम लेपन, भूत जाति, जातिपुष्प, कंकणभूषण, पर्णकंचुकी , कुमार्यवस्था है। इसके बाद सोना-चांदी-अनाज उन्नत रहेंगे। शासन कर्मियों में द्वंद्व रहेगा ।श्रमिकों में भय एवं आपदा।
मकर संक्रांति पर मुहूर्त –
पुण्यकाल- सूर्योदय से सूर्यास्त तक
महापुण्य काल- सूर्योदय से दोपहर 12:00 बजे तक
मकर संक्रांति उत्तरायण के दिन अपने घर व व्यवसायिक प्रतिष्ठान में विद्वान ब्राह्मणों से गोपाल सहस्त्रनाम व कनक धारा स्तोत्र का पाठ करवाएं। ब्राह्मणों को चांदी के पात्र में कुमकुम भरकर दान दें। ब्राह्मणों को खीर-मालपुए का भोजन कराएं। इसका अनंत फल प्राप्त होगा।
इसके साथ ही भाषा के शुद्ध उच्चारण के साथ गजेंद्रमोक्ष, रामरक्षास्तोत्र, हनुमान चालीसा,सुंदरकांड, लक्ष्मी- नारायण ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना लाभ प्रद होगा। गोशाला में देशी गायों को हरा चारा एवं गुड़ खिलाएं।
सुहागन स्त्रियां लाल वस्त्र एवं सौभाग्य सामग्री सौभाग्यवती स्त्रियों को दें। भगवान सूर्य की प्रसन्नता के लिए तांबे के दीपक में तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। भगवान सूर्य को लाल चंदन मिश्रित जल में अक्षत व पुष्प डालकर अर्घ्य दें।
पवित्र नदियों में स्नान करें। अपनी गुरु परंपरा व कुल परंपरा के अनुसार ही पूजन, पाठ, जाप, हवन इत्यादि करें। कन्याएं पीले वस्त्र, चने की दाल व स्वर्ण का दान किसी ब्राह्मण को करें।
जरूरतमंद लोगों को एवं भिक्षावृत्ति कर जीवन यापन करने वालो लोगों को चावल-मूंगदाल की खिचड़ी, कम्बल, नमक व गुड़ का दान करें। इसके साथ ही मंदिरों, अनाथाश्रमों, वृद्धाश्रमों में लोगों को तिल के लड्डुओं का दान करें।
इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व माघ मास में रविवार के दिन आया है इसलिए इसका महत्व और भी बड़ गया है। जिन भी लोगों की पत्रिका में सूर्य कमजोर है या सूर्य की महादशा के पूर्ण शुभ फल नही मिल रहे हैं उन लोगों को इस दिन अपने वजन के बराबर गेहूं का तुलादान भी करना चाहिए। जो लोग ग्रह बाधाओं से पीड़ित व परेशान है उन्हें अपने घर पर सम्पूर्ण गृहशांति का हवन करवाना चाहिए।
मकर संक्रांति के पुण्यकाल में किया गया दान, जाप , पाठ, पूजा, हवन अनंत गुना फलदायी होता है। जो लोग पितृदोष से पीड़ित हैं उन्हें पितरों के निमित्त दान एवं पितृ तर्पण भी करना चाहिए।
प्राय:देखने में आता है लोग पर्व काल व पुण्यकाल पर पवित्र नदी में स्नान के लिये जाते हैं और वहां साबुन शैम्पू का उपयोग करते हैं जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है।
हमारी संस्कृति नदियों को अपनी माता मानती है और अपनी इन पवित्र नदियों का ध्यान रखना हमारी जवाबदारी है। ऐसे में धर्म का उपयोग करके ही नदियों को पुण्य की कामना के साथ प्रदूषित करना ठीक नहीं है बल्कि ऐसा करना हमें पाप की ही ओर धकेलता है।
राशिफल –
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की दिशा बदलने के कारण ही लोगों के भाग्य बदलते हैं। ऐसे में संक्रांति का राशिफल महत्वपूर्ण होता है। संक्षिप्त में जानिये क्या संभव है आपकी राशि के अनुसार आपके जीवन में।
- मेष राशि वालों को वस्त्र लाभ।
- वृषभ – धनहानी ,मानसिक पीड़ा।
- मिथुन – धन प्राप्ति सुख प्राप्ति।
- कर्क – भूमि – भवन लाभ, उदर पीड़ा।
- सिंह – धन प्राप्ति सुख प्राप्ति।
- कन्या – यात्रा सुख,धन प्राप्ति।
- तुला – यात्रा सुख।
- वृश्चिक – सुख,वाहन प्राप्ति।
- धनु – मंगल कार्य सुख।
- मकर – राज्य प्राप्ति ,सुख।
- कुंभ – वस्त्र लाभ ,पीड़ा।
- मीन – वस्त्र लाभ।
डिस्क्लेमरः उक्त जानकारी इंदौर के जाने माने ज्योतिषी पंडित कपिल शर्मा के द्वारा प्रदान की जा रही है, देशगांव टीम इसे सीधे आप तक पहुंचा रही है। किसी संशय की स्थिति में आप पंडित कपिल शर्मा से उनके मोबाइल नंबर 9630101010 पर संपर्क कर सकते हैं।