रोजगार के मोर्चे पर अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई पड़ रहा है। वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई है। जुलाई में बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी और अगस्त महीने में 8.3 फीसदी दर्ज की गई थी। इस लिहाज से सितंबर माह के अंत में बेरोजगारी दर के 6.7 फीसदी पर आने को अर्थव्यवस्था मेंं सुधार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इसे अगले दो महीने के त्योहारी सीजन के लिए उद्योग जगत की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक इस माह के अंत तक (29 सितंबर) देश के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 5.8 फीसदी तक पहुंच गई है। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी यह संकटपूर्ण स्थिति में है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय कृषि के कामकाज में तेजी आ चुकी है। धान की फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है तो आलू-गेहूं की बुवाई का कामकाज भी तेजी पर है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर में तेजी से कमी आई है।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री वीके बंसल ने बताया कि बड़े उद्योगों के उत्पादन स्तर में तेज सुधार हुआ है। अनेक क्षेत्रों में अब यह 70-80 फीसदी तक पहुंच चुका है। बिजली, पेट्रोल, कोयले की खपत में तेजी उद्योगों में सुधार के संकेत हैं। श्रमिकों की कमी भी पूरी हो रही है। बाजार में ग्राहक पहुंच रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था में सुधार की स्थिति अवश्य दिख रही है। लेकिन अभी भी यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है।