भोपाल। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार कुछ नए कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब डॉक्टरों को अस्पतालों में प्रबंधन का काम नहीं करना होगा और उनसे केवल बेहतर इलाज की उम्मीद की जाएगी। एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि अगले पंद्रह दिनों में प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
खबर के मुताबिक अस्पतालों में अब जो डॉक्टर अस्पताल के मैनेजर की तरह सभी व्यवस्थाएं नहीं देखेंगे। उन्हें केवल और केवल मरीजों के बेहतर इलाज के लिए काम करना होगा। फिलहाल जो व्यवस्था मध्यप्रदेश के अस्पतालों में है उसके तहत किसी भी अस्पताल में एक डॉक्टर को प्रभारी बनाकर उन्हें सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने की जिम्मदारी दे दी जाती है।
ऐसे में डॉक्टर इलाज का अपना मूल काम ही नहीं कर पाते हैं। इसी के चलते ज्यादातर डॉक्टर इस पद को लेने में कतराते भी हैं और यही वजह है कि बहुत से अस्पतालों में वर्षों से एक ही डॉक्टर प्रभारी बने हुए हैं।
मंत्री सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार चिकित्सा सेवाओं की बेहतरी के लिए में जो भी नई व्यवस्था लागू करनी है वह की जाएगी। डॉक्टरों को प्रबंधकीय सेवाओं से अलग करने के अलावा अगले पंद्रह दिनों में कुछ और नई व्यवस्थाएं भी लागू की जाएंगी।
सारंग अपने मंत्रालय में लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। खबरों की मानें तो उन्होंने चिकित्सा शिक्षा की बेहतरी के लिए भी कुछ नई व्यवस्थाएं तय की हैं। जिनकी घोषणा जल्द ही की जाएगी।
सरकार का यह नया कदम प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों से पिछले कुछ दिनों से आ रहीं उन नकारात्मक खबरों के बाद आया है जिनके बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे थे। इनमें शहडोल में 21 बच्चों की मौत का मामला हो या हमीदिया अस्पताल में बिजली गुल होने से गई मरीजों की जान का प्रकरण।
क्या होगा नया मॉडल.
डॉक्टरों को प्रबंधन के काम से हटाने के बाद अस्पतालों का प्रबंधन कैसे होगा यह भी एक बड़ा सवाल है क्योंकि अस्पतालों का प्रबंधन करना आसान काम नहीं होता है और अब तक इसकी व्यवस्था अनुभवी चिकित्सकों के हाथों में ही रही है। ऐसे में सरकार नया मॉडल किस तरह बनाएगी और यह कितना कामयाब होगा, यह देखने वाली बात होगी।