उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश में औसत से आठ प्रतिशत कम बारिश हो पाई है। ऐसे में कई बड़े जलाशय अब तक पूरी तरह नहीं भरे हैं। बारिश की कमी से सोयाबीन की फसल को भी खासा नुकसान होने की आशंका थी। कई इलाकों में फसल में कीट की समस्या बढ़ रही थी। हालांकि अब किसानों को उम्मीद होगी कि सोयाबीन की फसल बीमारी से बच जाएगी। ऐसे में यह सिस्टम काफी बेहतर साबित हो सकता है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि इससे राजधानी सहित अन्य जिलों में स्थित बांध भर जाएंगे।
मप्र में बारिश की खेंच काफी दिनों तक चली लेकिन अब मानसून का नया सिस्टम एक्टिवेट हो गया है। शनिवार को इसी सिस्टम के असर से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई। वहीं 35 जिलों तेज बारिश होने की संभावना है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। होशंगाबाद और आसपास के इलाकों में अच्छी बारिश होने के बाद के तवा बांध के पांच गेट शनिवार को खोल दिए गए। इस बांध में पानी लगातार बढ़ रहा था। इसके अलावा बरगी बांध में भी पानी 421.75 मीटर तक आ चुका है। यह बांध अब तक दो बार खोला जा चुका है और संभावना फिर बन रही है। ऐसे में नर्मदा के किनारे के हालात खतरनाक हो सकते हैं। अगले 24 घंटे के लिए छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, खंडवा समेत 7 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह बताते हैं कि बारिश के इस नए सिस्टम के पीछे बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में बन रहा लो प्रेशर है। जिसके बाद पूर्वी हवाएं मध्य प्रदेश में एक्टिव हो गई हैं। यह सिस्टम कुछ दिन मध्य प्रदेश में रहने के बाद छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा। इस वजह से पश्चिमी हिस्से उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और चंबल संभाग में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के जबलपुर, छिंदवाड़ा,रीवा, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर और छतरपुर में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, प्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, शहडोल, बुरहानपुर, देवास, शाजापुर, अशोक नगर, दतिया, उमरिया, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सागर टीकमगढ़ और निमाड़ी समेत 23 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।