रिटायरमेंट फंड प्रबंधन संस्था कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को एक नई सुविधा देने की दिशा में काम कर रही है, जिससे वे अपने फंड से सीधे एटीएम कार्ड के माध्यम से निकासी कर सकेंगे। यह सुविधा अगले वर्ष के मध्य तक शुरू हो सकती है। हालांकि, यह निकासी एक तय सीमा के भीतर ही संभव होगी।
ईपीएफओ अपनी आईटी संरचना को मजबूत बनाने के लिए EPFO 3.0 योजना के तहत कार्य कर रहा है। इस योजना का पहला चरण इस साल दिसंबर तक पूरा होगा, और पूरी योजना जून 2025 तक लागू हो जाएगी। एटीएम कार्ड आधारित निकासी की सुविधा आईटी अपग्रेडेशन के बाद शुरू की जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, “पिछले 5-6 महीनों से ईपीएफओ के आईटी प्लेटफॉर्म और प्रक्रियाओं में सुधार किया जा रहा है। हमारी योजना है कि ईपीएफ सदस्यों को ऐसा कार्ड दिया जाए, जो बैंक के एटीएम कार्ड जैसा हो। इसके जरिए वे अपने पैसे बिना किसी अतिरिक्त अनुमति के निकाल सकें। शुरुआत में निकासी की एक सीमा तय की जाएगी, जैसे 50% तक।”
ईपीएफओ पेंशन योगदान को लचीला बनाने की भी योजना बना रहा है। इस प्रस्ताव के तहत, कर्मचारियों को मौजूदा 12% की सीमा से अधिक या कम योगदान करने की छूट मिल सकती है। एक अधिकारी ने कहा, “कुछ लोग 10%, कुछ 12% या 15% योगदान करना चाहेंगे। कुछ लोग कुछ सालों तक योगदान देना चाहेंगे और बाद में बंद करना चाहेंगे। इस दिशा में काम किया जा रहा है।”
वर्तमान प्रक्रिया:
फिलहाल कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में सीधे योगदान नहीं करते। कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा 12% योगदान दिया जाता है, जिसमें नियोक्ता का 3.67% ईपीएफ में और 8.33% ईपीएस में जाता है। सरकार भी 1.16% का योगदान देती है, बशर्ते कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये प्रति माह से कम हो।
क्लेम सेटर करने की कोशिश
ईपीएफओ ने हाल ही में दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए ऑटो क्लेम सेटेलमेंट की शुरुआत की है। अब 1 लाख रुपये तक की राशि वाले एडवांस क्लेम, जैसे शिक्षा, विवाह और आवास के लिए, स्वचालित रूप से प्रोसेस हो रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 25-30% दावे मानव हस्तक्षेप के बिना निपटाए जा रहे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
ईपीएफओ ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए पिछले दो महीनों में 12 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है और 18 अन्य को निलंबित कर दिया है। यह कदम ईपीएफ के दावों में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। ईपीएफओ के इन प्रयासों से न केवल संगठन में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि सदस्यों को अधिक सुविधाजनक और लचीली सेवाएं मिलेंगी।