मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना : अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के लिए सरकार देगी पांच हजार रुपये


बाल आशीर्वाद योजना के लिए पात्र ऐसे बच्चे होंगे जिनके माता-पिता की मौत हो चुकी है। ऐसे बच्चों का करीबी रिश्तेदार या संरक्षक की देख-रेख में पालन-पोषण हो रहा है।


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काम की बात Published On :
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भोपाल। प्रदेश में लाडली बहना योजना चालू करने के बाद अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अनाथ-बेसहारा बच्चों का भी पालन-पोषण भी करेगी और इसके लिए एक योजना लागू करने की तैयारी की जा रही है जिसके तहत बेसहारा बच्चों को पांच हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए सरकार ने बाल आशीर्वाद योजना शुरू की है और इस योजना के लिए चयनित बच्चों की उम्र 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।

योजना के लिए बच्चों के आवेदन आंगनवाड़ी केंद्रों पर लिए जा रहे हैं। आवेदन स्वीकार करने की समय-सीमा के पश्चात इनकी जांच की जाएगी। शहर की कई बस्तियों में रहने वाले बच्चों को इसका लाभ देने के लिए विभाग अभियान चलाने पर भी विचार कर रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि बाल आशीर्वाद योजना के लिए पात्र ऐसे बच्चे होंगे जिनके माता-पिता की मौत हो चुकी है। ऐसे बच्चों का करीबी रिश्तेदार या संरक्षक की देख-रेख में पालन-पोषण हो रहा है।

यह भी जरूरी है कि ऐसे बच्चे कम से कम पांच वर्ष तक शहर के निवासी भी होना चाहिए। पात्र हितग्राही शहर के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर अपने आवेदन जमा कर सकते हैं।

इसके लिए सबसे जरूरी यह बात है कि कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत बच्चा पात्र नहीं होना चाहिए, वही बच्चे इसके पात्र होंगे। विभागीय जानकारी के मुताबिक, आंगनवाड़ी केंद्रों और विभाग के कार्यालय में प्राप्त आवेदनों की जांच के पश्चात इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय भेजी जाएगी। वहां से निर्देश प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। तत्पश्चात ही डीबीटी और अन्य कार्रवाई भी करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री बाल आशार्वाद योजना के बारे में जानिए सब कुछ –

मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं, उन्हें आगे पढ़ाने के लिए ये योजना लाई है जिसके तहत पांच हजार रुपये प्रति माह दी जाएगी। शासन द्वारा ऐसे बच्चों को 24 वर्ष तक ये राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। बाल आश्रम में रह रहे बच्चों को बाल आश्रम छोड़ने के बाद इंटर्नशिप के लिए 5 हजार रुपये आर्थिक सहयता के रूप मे दिया जाएगा।

सरकार अनाथ बच्चों को NEET, JEE और CLAT परीक्षाओं को निकालने के बाद 5 हजार तक की राशि देगी। इसके तहत आयुष्मान योजना के माध्यम से इलाज कराने का भी प्रावधान है। 18 साल तक 2 हजार और 24 साल तक 5 हजार दिया जाएगा।

योजना में चयन के लिए अर्हता –

  1. योजना का लाभ सिर्फ अनाथ बच्चे या जिनके माता पिता नहीं हैं या निर्धन हो गए हैं वही ले पाएंगे।
  2. जो रिश्तेदार या जीवन संरक्षक के साथ जीवन-यापन कर रहे हों।
  3. उम्मीदवार मध्यप्रदेश का निवासी होना चाहिए।

 

मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के लिए सिर्फ अनाथ बच्चे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, लेकिन आवेदन के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। आवेदन प्रक्रिया जैसे ही शुरू होगी इसकी जानकारी आपको दे दी जायेगी।


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