केंद्र सरकार द्वारा फसल बीमा कराने वाले किसानों को हो रही कई सारी दिक्कतों से बचाने के लिए सरकार ने “मेरी पॉलिसी मेरा हाथ” योजना का शुभारंभ किया है। इसके तहत किसानों को उनकी फसल बीमा के कागज उनके घर तक पहुंचाए जाएंगे जिससे उन्हें फसल बीमा भुगतान में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
किसानों द्वारा कई बार शिकायत की जाती है कि बीमा कंपनी कागज न होने का हवाला देकर बीमा भुगतान करने से बचती हैं। बीमा कंपनियों के एजेंट कागज को लेकर कई तरह के बहाने बनाते हैं और बीमा का लाभ दिलाने के लिए टाल-मटोल करते हैं।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कृषि अधिकारी इस मसले पर कहते हैं कि यह योजना इस साल फरवरी में ही शुरु की गई थी। उसके बाद से पिछले खरीफ सीजन में बीमा कराने वाले ज्यादातर किसानों को इस योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों को उनकी पॉलिसी के कागज किसानों के घर पर भेज दिये गये थे। हालांकि कुछ ऐसे लोग रह गये थे जो उस समय अपने घरों पर उपलब्ध नहीं थे या फिर किसी और वजह से मिल नहीं पाए।
2023-24 के सीजन के लिए अभी तक बीमा ही कराए जा रहे हैं। एक बार जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तब इस फसल के बीमा डॉक्यूमेंट भी किसानों को भेज भेज दिये जाएंगे।
किसानों की आय को सुनिश्चित करने और उन्हें नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक महत्वपूर्ण योजना चलाई जा रही है, प्रधानमंत्री फसल बीमा, इसके तहत किसानों को उनकी फसले को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए कम प्रीमियम पर बीमा की सुविधा दी जाती है।
इस योजना के तहत किसानों को सूखा, अत्यधिक बारिश, बेमौसम बारिश, बाढ़ ओलावृष्टि, चक्रवात जैसी आपदाओं से बचाने के लिए कम प्रीमियम दरों पर बीमा दिया जाता है। इस योजना के तहत फसल की बुआई से लेकर कटाई तक, इस योजना के तहत फसल के खेत में जाने से लेकर घर आने तक पूरी सुरक्षा प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ और किसानों को मिल रहे फाएदे के मसले पर हमीरपुर जिले के कृषि अधिकारी बताते हैं कि यह बताते हैं कि हमने 2022 के साल में खरीफ के सीजन में करीब 25 करोड़ रुपये के बीमा दावों का भुगतान कराया गया है। जोकि बंदुलखंड जैसे इलाके के किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। फसल बीमा योजना के तहत 25 करोड़ दावों का भुगतान 43141 किसानों को किया गया। हमीरपुर जिले में साल 2022 के लिए 62769 किसानों ने इस योजना में पंजीकरण कराया था।
जबकि साल 2023 के लिए इस योजना के तहत हमीरपुर जिले में ही 71444 किसानों ने पंजीकरण कराया, जिसके तहत 3091 किसानों को इसका लाभ मिला। इतने ज्यादा बीमा के बाद इतने कम क्लेम के दावों को लेकर हमीरपुर जिला कृषि अधिकारी कहते हैं कि खरीफ के मुकाबले कम दावों का मुख्य कारण यह है कि खरीफ के सीजन में बेमौसम बारिश से लेकर कई तरह की परेशानियां होती हैं, जिसके कारण क्लेम के दावे बढ़ जाते हैं।
2023-2024 के रबी सीजन के लिए अभी भी इसमें पंजीकरण कराया जा रहा है, इस साल के लिए अबतक 12617 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है, अभी तक इसमें करीब दस दिन का समय बचा हुआ है, तो निश्चित तौर पर किसानों के पंजीकरण की संख्या बढ़ेगी।
फसल चक्र में फसल के नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है. एक आंकड़े के मुताबिक, पिछले 6 सालों में कुल 36 करोड़ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं और किसानों को उनकी फसलों को हुए नुकसान के एवज में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिया गया है।
2016 से चलाई जा रही इस योजना के तहत किसानों को और सहूलियत देने के लिए सरकार की तरफ से मेरी पॉलिसी मेरा हाथ योजना का शुभारंभ 16 फरवरी 2023 को किया गया।
इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को उनकी फसल बीमा के लिए सबूत के तौर बीमा पॉलिसी के डॉक्यूमेंट देती है। ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य किसानों को उनके फसल के बीमा के मूल कागजात देना है जिससे की उन्हें अपनी नुकसान हुई फसल के मुआवजे के लिए बहुत ज्यादा परेशान न होना पड़े। इसके तहत बीमा के कागज सरकारी खर्चे पर किसानों के घर तक पहुंचाए जाते हैं।
हमीरपुर जिले की सरीला तहसील के किसान धनीराम कहते हैं कि सरकार की यह योजना बहुत अच्छी है। वे कहते हैं, उन्होंने खुद पिछले दो सालों में इस योजना का लाभ लिया है। इसके पीछे का कारण बताते हुए वे कहते हैं कि बुंदेलखंड जैसे इलाके में जहां सूखे की अत्यधिक संभावनाएं होती हैं, वहां पर अक्सर इस तरह की समस्यायें होती हैं।
यह सरकारी योजना की जानकारी से सबंधित लेख है।