भारत में, बाजरा मुख्य रूप से एक खरीफ फसल है, जिसमें अन्य समान किस्म के खाद्यान्नों की तुलना में कम पानी और कृषि संबंधी इनपुट की ज़रूरत पड़ती है।
खबरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं तो अधिकारी अवैध खनन रोकने के लिए बैठक करके रणनीति बनाते हैं जिसके उलट माफिया अधिकारियों के किसी कार्यवाही से बेखौफ दोगुनी गति से रेत…
जंगलों के घटने के साथ वनों से बाहर आकर वन्य प्राणियों का आबादी की ओर हो रहा है पलायन। 26 हजार 482 लोगों ने किए थे पट्टे के आवेदन, जिले में 1.25 लाख…
धार। क्षेत्र के किसानों को उन्नत खेती के बारे में व किसानों को फसलों में किस अवस्था में किस तरह से दवाइयों व पौधों को स्वस्थ रखने के लिए नए तरीकों से जानकारी…
संकर किस्में आम तौर पर अधिक सशक्त मानी जाती हैं और जीएम सरसों से ज्यादा तेल उत्पादन होने की उम्मीद है हालांकि स्वास्थ्य के नज़रिये से इसे सुरक्षित कहना मुश्किल है।
25 दिसंबर से लागू हुए हैं नए दाम, साल में चौथी बार बढ़े दाम
वायु गुणवत्ता की बेहतरी के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर चल रहे क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुए इस अध्ययन को सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी कहते हैं।
हर साल प्रदूषण को लेकर सरकार करोड़ो खर्च करती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी नहीं देते ध्यान।
प्रदूषण के फैलाव को रोकने के लिए, शहरों को सभी क्षेत्रों में और स्रोत पर उत्सर्जन में कटौती करने की आवश्यकता है।
सरकार द्वारा अपने सहयोग को जलवायु सम्बन्धी लक्ष्यों के अनुरूप बनाने के लिये इस मदद को जीवाश्म ईंधन के बजाय साफ ऊर्जा की तरफ मोड़ना होगा।
भारत के अंदर निजी बैंकों ने कोयले से चलने वाले बिजली घरों की परियोजनाओं को 0.2 78 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। इनमें से आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे ज्यादा 0.073 लाख…
एनएफएचएस-5 के सर्वे अनुसार मुताबिक, मप्र में 72 फीसदी बच्चे और 58 फीसदी एनीमिया से पीड़ित है। साथ ही 52 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनीमिया से ग्रस्त मिली हैं।
वायु प्रदूषण को माना जा रहा है प्रजनन क्षमता में कमी की वजह, महिलाएं यहां पारिवारिक और सामाजिक प्रताड़ना से भी लड़ रहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, 16 और 17 दिसंबर को रात के तापमान में तेजी से गिरावट आने लगेगी और ठंड का असर बढ़ जाएगा।
इस प्रक्रिया के लिये निजी बाजारों की आवश्यकता होगी, वहीं इस रूपांतरण में मदद के लिये सरकारी नीतियों में उल्लेखनीय बदलाव की भी जरूरत है। इसमें से ज्यादातर निवेश समुद्रपारीय किस्म का होगा।
देश-दुनिया में हुए शोध कहते हैं कि वायु प्रदूषण के इलाकों में लोगों में इन्फर्टिलिटि या प्रजनन क्षमता कम होने की समस्या बढ़ी है, पीथमपुर का जमीनी हाल भी इससे अलग नहीं है।
कोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि इसके लिए वही प्रक्रिया अपनाए जो कि पूर्व की परीक्षाओं में अपनाई गई थी।
हवा के प्रदूषण से सभी परेशान हैं लेकिन इसे अब भी ज्यादातर लोग गंभीरता से नहीं लेते। हालांकि इनके असर से वे खुद भी परेशान नज़र आते हैं।
मध्यप्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर इस समय ग्वालियर बन चुका है जहां सूबे को छोड़िए देश की राजधानी दिल्ली से भी अधिक प्रदूषण है जहां का एक्यूआई 294 अंक पर है।
प्रदेश में अगले तीन दिन तक मैंडूस का सबसे ज्यादा असर इंदौर, खंडवा, इटारसी, बड़वानी, भोपाल, आगर-मालवा, सागर, रीवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, जबलपुर और शहडोल में रह सकता है।