मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर को रोकने की तैयारियों के साथ ही रोजगारमूलक कार्यों को तेजी से चालू किया जाए।
तीसरी लहर की व्यवस्थाओं के साथ ही, अर्थव्यवस्था को सुधारने तथा कोरोना के प्रति जनता को जागरूक करने में क्राइसिस मैनेजमेंट समूह प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से कार्य करें।
सीएम चौहान ने कहा कि हमें अच्छी तरह समझ लेना होगा कि बिना मास्क के घूमना अर्थात तीसरी लहर को आमंत्रित करना है। कोरोना अनुकूल व्यवहार तथा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हर जिले में सुनिश्चित किया जाए।
मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण में है। यहां के क्राइसिस मैनेजमेंट समूह पूरे देश में मॉडल बनकर उभरे हैं। जन-सहयोग के इस मध्यप्रदेश मॉडल पर कार्य करते हुए प्रदेश में तीसरी लहर के प्रभाव को नगण्य कर देना है।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की जिला, ब्लॉक, वार्ड तथा ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को संबोधित कर रहे थे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, स्वास्थ आयुक्त आकाश त्रिपाठी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर धार कलेक्ट्रेट स्थित वीसी कक्ष में सांसद छतर सिंह दरबार, कलेक्टर आलोक कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, एडीएम सलोनी सिडाना सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।
5 उपायों पर निरंतर अमल करें –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के 5 उपायों पर निरंतर अमल किया जाए। पहला हर क्षेत्र में अधिक से अधिक टेस्ट किए जाएं। दूसरा पॉजिटिव पाए गए हर मरीज की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हो।
तीसरा मरीज को आइसोलेट कर उसका उपचार करें। चौथा किल कोरोना अभियान में प्रत्येक खांसी, जुकाम, बुखार आदि के मरीज का परीक्षण हो तथा उन्हें नि:शुल्क मेडिकल किट दी जाए। पांचवां 18 से अधिक के हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन किया जाए।
रोजगार के अवसर बढ़ाना बड़ी चुनौती –
क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना ने हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार-व्यवसाय लोगों की आजीविका को बुरी तरह से प्रभावित किया है। रोजगार के अवसर बढ़ाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है।
सरकार विभिन्न माध्यमों से प्रतिमाह एक लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का प्रयास करेगी। प्रदेश में तेजी से निवेश आकर्षित किया जा रहा है।
ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क नहीं ले सकेंगे स्कूल –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थाएं ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं ले सकेंगी। ट्यूशन फीस भी गत वर्ष अनुसार रहेगी, इसे बढ़ाया नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कलेक्टर अपने जिलों में यह सुनिश्चित करें।
राशन वितरण के कार्य को प्राथमिकता –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सीएमसी सदस्य अपने क्षेत्रों में राशन वितरण कार्य की निगरानी भी करें। नवम्बर माह तक हितग्राही परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो राशन थैले में दिया जाएगा। इसमें 5 किलो नि:शुल्क और 5 किलो राशन एक रुपये किलो मूल्य पर मिलेगा।
भीड़ भरे कार्यक्रम नहीं होंगे –
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कहीं भी भीड़ भरे आयोजन न हों। आयोजनों में 50 व्यक्तियों की सीमा का सख्ती से पालन किया जाए। कही भी भीड़ न हो यह सुनिश्चित किया जाए।
169 नए पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र –
प्रदेश में 169 नए पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 19 प्रारंभ हो गए हैं। शेष आगामी दो माह में प्रारंभ हो जाएंगे। इसी के साथ 33 जिला अस्पतालों में कुल 198 किलो लीटर क्षमता के लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक स्थापित किए जा रहे हैं।
चार चिकित्सा महाविद्यालयों में 101 किलो लीटर की अतिरिक्त एलएमओ भण्डारण क्षमता विकसित की जा रही है। प्रदेश में कुल 12 हजार 339 ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर्स हैं।
शासकीय अस्पतालों में 17,827 ऑक्सीजन बेड्स व 4771 आईसीयू बेड्स –
प्रदेश के शासकीय चिकित्सालयों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों में आगामी दो माह में 17 हजार 827 ऑक्सीजन बेड्स हो जाएंगे, जो वर्तमान में 14 हजार 13 हैं। इसी प्रकार 4771 आईसीयू बेड्स हो जाएंगे, जो वर्तमान में 3776 हैं।
जिला चिकित्सालयों में 520 शिशु आईसीयू बेड्स –
प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में आगामी दो माह में 520 शिशु आईसीयू बेड्स हो जायेंगे। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजस में 380 अतिरिक्त शिशु आईसीयू बेड्स हो जाएंगे। लोक स्वास्थ्य संस्थाओं में 992 शिशु आइसीयू बेड्स बढ़ाए जाएंगे।
2112 वेंटिलेटर्स उपलब्ध –
स्वास्थ्य संस्थाओं में 2112 वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं। इनमें से 407 को पीडियाट्रिक (बच्चों के इलाज के लिए) उपयोग के लिए परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त 161 वेंटिलेटर्स पीडियाट्रिक उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।
दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता –
प्रदेश में कोरोना के उपचार के लिए दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। नि:शुल्क होम किट्स के लिए सभी दवाइयां पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन लगभग एक लाख हैं। एम्फोटेरेसिन-बी, टोसीजोमान इंजेक्शन के लिए रेट कॉन्टैक्ट किया जा रहा है।
सभी दवाओं की मेडिकल कॉलेजवार तथा जिलावार उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। 2डी ऑक्सीडी दवा की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के सभी 11 हजार उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड मेडिकल किट के डिपो स्थापित किए गए हैं।
वर्तमान में 68 हजार बेड्स –
वर्तमान में मध्यप्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए कुल 68 हजार 22 बिस्तर चिन्हांकित हैं, जिनमें 54 हजार 130 शासकीय तथा 13 हजार 892 निजी अस्पतालों में हैं। इनके अंतर्गत 4 हजार बिस्तर प्रायवेट मेडिकल कॉलेज में चिन्हांकित किए गए हैं।
आयुष्मान योजना अंतर्गत शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में कुल 31 हजार 11 बिस्तर चिन्हांकित हैं। प्रत्येक जिले के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाए जाने के संबंध में कार्य-योजना बनाई गई है। अधिक से अधिक संख्या में सामान्य बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स एवं आईसीयू बेड्स में परिवर्तित करने का कार्य भी किया जा रहा है।
चिकित्सकों एवं स्टाफ को प्रशिक्षण –
प्रदेश में 7523 चिकित्सकों, 15,999 स्टाफ नर्स 26,301 आयुष चिकित्सक, अन्य विभागीय 34,439 मैदानी कार्यकर्ताओं, 6003 वॉलंटियर्स, 51,684 आशा तथा 14,217 एएनएम कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
कुल 1002 एम्बुलेंस –
कोरोना रोगियों को निर्बाध रूप से अस्पतालों तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण किया गया है। कुल 1002 एम्बुलेंस इस कार्य के लिए चिन्हांकित किए गए हैं, जिनमें 167 एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) तथा 835 बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस हैं।