विदेशी कोयले से फिर महंगी होगी बिजली, एक रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ सकते हैं दाम


देश में कोल संकट के बीच और प्रदेश में रबी सीजन में डिमांड अधिक होने को लेकर पावर जनरेशन कंपनी ने विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर निकाला है।


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रोटी-कपड़ा Published On :

जबलपुर। बढ़ती महंगाई के बीच मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकार बिजली के दाम बढ़ाने जा रही है। बिजली उत्पादन के लिए  पावर प्लांट में अब विदेशी कोयले का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि इसकी उपयोगिता तय मात्रा से केवल 10 प्रतिशत की ही होगी लेकिन यह करीब 16 रुपये किलोग्राम की दर पर है वहीं देशी कोयला करीब 2 रुपये प्रतिकिलोग्राम की दर पर मिलता है। ऐसे में प्लांट चलाने के लिए अब आठ गुना महंगा कोयला खरीदना है। ऐसे में इसका दबाव भी उपभोक्ताओं पर ही पड़ना है। बताया जाता है कि आने वाले दिनों में बिजली की दर प्रति यूनिट तकरीबन एक रुपये बढ़ जाएगी।

देश में कोयले की कमी का हवाला दिया जा रहा है जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक देश में कोयला पर्याप्त मात्रा में है लेकिन यह संकट कुप्रबंधन का नतीजा है। इसी बीच कड़ी गर्मी पड़ रही है और सिंचाई भी जारी है। ऐसे में घरेलू बिजली की खपत तो बढ़ी ही है साथ ही सिंचाई के लिए भी बिजली उपलब्ध कराने का दबाव भी है।  

दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार विदेशी कोयले के इस्तेमाल को लेकर अब अनुमति मिल चुकी है। इसे लेकर  प्रदेश की वितरण कंपनियों की ओर से मप्र नियामक आयोग में अनुमानित याचिका दायर की गई थी। इसके तहत पावर प्लांट्स में 100% देसी कोयला इस्तेमाल करने का जिक्र था। देसी कोयला दो से ढाई रुपए प्रति किलो की दर पर पड़ता है, जबकि विदेशी कोयला 16 रुपए प्रति किलो की दर से पड़ता है। कीमतों में 8 गुना अंतर होने का सीधा प्रभाव आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। इसकी भरपाई वितरण कंपनियां बाद में ट्रू-अप याचिका के जरिए से करेंगी। यानी इसकी भरपाई बिजली की दर बढ़ाकर होगी।

देश में कोल संकट के बीच और प्रदेश में रबी सीजन में डिमांड अधिक होने को लेकर पावर जनरेशन कंपनी ने विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर निकाला है। कंपनी 10% परमिशन के आधार पर 19 लाख मीट्रिक टन विदेशी कोयला खरीद सकती है। पावर जनरेशन कंपनी के एमडी मनजीत सिंह के मुताबिक पहले चरण में 7.50 टन विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर जारी हुआ है। 19 मई को टेंडर खुलेगा। ज्यादा जरूरत पड़ने पर दूसरा टेंडर निकालना पड़ेगा।

ख़बर के मुताबिक आयोग द्वारा जारी किए गए टैरिफ आदेश में कोयले की कीमत पूर्णत: आंतरिक स्रोतों से प्राप्त कोयले की लागत के आधार पर मंजूर की है। इसी आधार पर 2022-23 के लिए उपभोक्ता टैरिफ निर्धारित किया है। इस 8 गुना तक महंगा कोयला खरीदने से उपभोक्ताओं की टैरिफ में भारी वृद्धि होगी। ऐसे में कोयला आयात के पूर्व आयोग की मंजूरी लेना जरूरी था, जो नहीं ली गई है।

 

यह ख़बर दैनिक भास्कर से ली गई है जिसे पत्रकार संतोष सिंह ने लिखा है।


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