केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं। जहां एक ओर अधिसंख्य लोग किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर पुराने वीडियो को पोस्ट कर इस आंदोलन को बदनाम करने में लगे हैं।
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर दावा किया जा रहा है कि किसानों के प्रदर्शन में भीड़ बढ़ाने के लिए दिहाड़ी मजदूरों को पैसे देकर बुलाया जा रहा है।
एक वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें कुछ लोग ये कहते दिख रहे हैं कि उन्हें आने के लिए पैसे दिए गए हैं। इसके साथ ही वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में दावा किया जा रहा है कि वीडियो किसानों के प्रदर्शन का ही है।
@AamAadmiParty की जिहादी मानसिकता की ग्राउंड रिपोर्ट यह है, इसे आप देखिए और समझिए #किसान_आंदोलन की सच्चाई क्या हैं। 👇 👇#मोदी_किसानो_की_शान #मोदी_संग_किसान pic.twitter.com/UtGo9b7f7z
— कृष्ण कुमार गुड्डू सिंह (सावरकर) मोदी का परिवार (@BJPkrishnaSLN) December 3, 2020
शुरुआती तौर पर हमने दिल्ली व आसपास के हिस्सों में किसान आंदोलन से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली लेकिन हमें कहीं भी एक जगह यह वायरल हो रहा वीडियो नहीं मिला।
इसके बाद हमने वी-वेरिफाई टूल का इस्तेमाल किया जिसके जरिये वीडियो को फ्रेम्स में बांटा। इसके बाद मिले फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च कर इनकी सच्चाई जानी।
तब हमें संदीप देव नामक एक शख्स की 31 जनवरी की एक फेसबुक पोस्ट में भी यही वीडियो मिला। इससे ये साफ हो गया कि वीडियो कम से कम 11 महीने पुराना है और किसान आंदोलन या प्रदर्शन से इस वीडियो का कोई नाता नहीं है।
इसके बाद भी हमने दावे से जुड़े की-वर्ड्स को गूगल सर्च पर डाला तो हमें दो साल पुरानी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसी वीडियो की तस्वीरें दिखीं। इससे यह पता चला कि ये मामला हाल फिलहाल का नहीं बल्कि दो साल पुराना है।
हमने इनमें से एक-दो मीडिया रिपोर्ट्स को देखा तो उसमें न्यूज एजेंसी ANI द्वारा मार्च 2018 में जारी एक वीडियो मिला। इसमें कुछ मजदूर आम आदमी पार्टी पर दिहाड़ी का लालच देकर रैली में बुलाने का आरोप लगा रहे हैं।
#WATCH Labourers allege that they were promised Rs 350 each and food, to be present at Aam Aadmi Party chief Arvind Kejriwal's public rally in Haryana's Hisar yesterday but they neither got money nor food. pic.twitter.com/Qw9IJhp34w
— ANI (@ANI) March 26, 2018
दरअसल, हरियाणा के हिसार में दो साल पहले आम आदमी पार्टी की चुनावी रैली थी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे थे। रैली के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सामने आया था कि कुछ मजदूरों को दिहाड़ी का वादा कर रैली में बुलाया गया।
इसलिए यह बिलकुल साफ हो जाता है कि दो साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है।