नई दिल्ली। सरकार ने अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2020 यानी तीन माह के लिए जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है। इस तिमाही के लिए जीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत तय की गई है।
वित्त मंत्रालय के दायरे में आने वाले आर्थिक मामलों से संबंधित विभाग के बजट सेक्शन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार इस ब्याज दर को 1 अक्टूबर, 2020 से लागू माना जाएगा।
कोरोना संकट में सामने आए सरकार के इस फैसले से देश के लाखों कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा होगा। हर साल केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष की हर तिमाही के आरंभ में लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में बदलाव करती है।
इसके बाद GPF और अन्य योजनाओं को लेकर भी ब्याज दरों में संशोधन तय किया जाता है। यानी जीपीएफ पर जो ब्याज मिलता है, उसकी हर तीन महीने के अंतराल से समीक्षा की जाती है एवं जरूरत पड़ने पर संशोधन भी किया जाता है।
GPF भी एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड अकाउंट ही होता है, लेकिन यह सभी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए लागू नहीं होता है। इसका लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। इसमें केंद्र एवं राज्य के कर्मचारी शामिल हैं।
सरकारी कर्मचारियों के भी एक निश्चित वर्ग को इस फंड में अपनी तरफ से अंशदान, योगदान देना अनिवार्य किया गया है। हालांकि यह पीएफ से सर्वथा अलग प्रकार का फंड होता है।
GPF भी एक प्रकार का प्रोविडेंट फंड ही है। वर्तमान में इस फंड में सिर्फ शासकीय कर्मचारी ही पैसे निवेश कर सकते हैं। वह कर्मचारी चाहे तो अवधि से पहले ही बीच अवधि में धनराशि को जरुरत होने पर निकाल सकता है।
इस योजना में खास बात यह है कि इसमें जमा धन राशि केवल रिटायरमेंट के समय ही शासकीय कर्मचारी को मिल पाती है।
सरकार की इस अधिसूचना का जनरल प्रोविडेंट फंड GPF, ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड, कांट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विस ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड, आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्टरीज वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड और इंडियन नेवल डॉकयार्ड वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड आदि फंड्स पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।