प्रदेश में बेरोज़गारी की भयानक स्थिति, आरक्षक भर्ती के लिये हर पद पर तीन सौ आवेदन


पुलिस विभाग ने आरक्षक की भर्ती पिछले बार 2017 में निकाली थी और इसके बाद से ही अब भर्ती निकाली गई है। ऐसे में कई अभ्यार्थी तो इस परीक्षा की उम्र की सीमा से ही बाहर हो गए और जिनके पास अब तक मौका है उन्हें लाखों नए प्रतिभागियों के साथ मुकाबला करना होगा।


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इंदौर। मध्यप्रदेश में बेरोज़गारी का आलम क्या है इसका अंदाज़ा भर्ती परीक्षाओं के हाल से निकाला जा सकता है। करीब तीन साल बाद जब मध्यप्रदेश पुलिस विभाग ने चार हज़ार पदों को लेकर भर्ती निकाली है। इस नौकरी के लिए अब तक करीब साढ़े ग्यारह लाख आवेदन आ चुके हैं यानी एक नौकरी के लिए करीब ढ़ाई सौ उम्मीदवार हैं।

पुलिस विभाग ने मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्ज़ामिनेशन बोर्ड के द्वारा की जा रहीं इन भर्तियों के लिए आवेदन की आख़िरी तारीख़ 10 फरवरी तक थी और तब तक मिली जानकारी के मुताबिक करीब साढ़े ग्यारह लाख आवेदन आ चुके थे। इस मामले में अंतिम संख्या बारह लाख तक हो सकती है। ऐसे में एक नौकरी के लिए करीब तीन सौ आवेदन होंगे।

पुलिस विभाग ने आरक्षक की भर्ती पिछले बार 2017 में निकाली थी और इसके बाद से ही अब भर्ती निकाली गई है। ऐसे में कई अभ्यार्थी तो इस परीक्षा की उम्र की सीमा से ही बाहर हो गए और जिनके पास अब तक मौका है उन्हें लाखों नए प्रतिभागियों के साथ मुकाबला करना होगा।

प्रदेश में फिलहाल बेरोज़गारी की स्थिति बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास हुए अभ्यार्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। इन्होंने पिछले दिनों लगातार प्रदर्शन भी किये थे।

मध्यप्रदेश में बेरोज़गारी की स्थिति…

मध्यप्रदेश में रजिस्टर्ड शिक्षित बेरोज़गारों का आंकड़ा 29.33 लाख है। पिछले साल दिसंबर तक यह करीब 28 लाख था। इसमें बीते एक साल में ही सात लाख की बढ़ोत्तरी हुई थी।

पीपुल्स समाचार पत्र  में पांच अक्टूबर 2020 में प्रकाशित रिपोर्टर सीताराम ठाकुर की एक खबर के अनुसार इन 29.33 लाख बेरोज़गारों में से केवल 360 लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली है हालांकि ख़बर बताती है कि सरकार का दावा है कि अपने कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से 26000 लोगों को नौकरी दी है।  इस दौरान प्लेसमैंट पर करीब 82 करोड़ रुपये भी खर्च किए गए।

इसके पहले यानी साल 2018 में सरकार ने 160 करोड़ रुपये खर्च कर 45624 युवाओं को नौकरी दी थी। इसी ख़बर के अनुसार प्रदेश में साल 2018 में 7.48 लाख युवाओ ने रोज़गार पंजीयन करवाया था और इसके अगले ही साल यह संख्या 19.08 प्रतिशत बढ़कर 8.47 लाख हो गई थी।