नई दिल्ली। देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार लगातार नई-नई पहलों को सामने लेकर आ रही है। स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं को विस्तार देने के लिए डिजिटल समाधानों के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इसके माध्यम से सरकार का प्रयास है कि भारत के लोगों को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। इस साल के बजट में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रावधान हैं।
इस विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नीति आयोग ने भारत के लिए एआई पर दो दृष्टिकोण दस्तावेज भी प्रकाशित किया है।
AI के लिए उत्कृष्टता केंद्र हुए नामित –
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने लोकसभा में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एम्स दिल्ली, PGIMER चंडीगढ़ और एम्स ऋषिकेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य में एआई आधारित समाधानों के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार इस तरह के पहलों के माध्यम से भारत में एक समावेशी स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के प्रयास में निरंतर लगी हुई है।
तैयार हो रहा इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड –
भारत सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर स्वास्थ्य डेटा की अंत क्रियाशीलता को सक्षम करने वाला एक मंच बनाना है ताकि प्रत्येक नागरिक के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHR) का निर्माण किया जा सके।
ABDM के तहत, यह सुनिश्चित करने के लिए कई रजिस्ट्रियां की जाती हैं कि डेटा सालो को स्टोर किया जा सके और उसी डेटा का उपयोग कर नागरिकों का इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (EHR) बनाया जाता है।
इसके अलावा यह स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन में सुधार के लिए आवश्यकता के अनुसार मौजूदा स्वास्थ्य आईटी अनुप्रयोगों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, ब्लॉकचैन आदि जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करेगा।
कारगर है नई सुविधा –
इस नई सुविधा के अपनाए जाने से अब पुराने मेडिकल रिकॉर्ड खो नहीं सकते क्योंकि हर रिकॉर्ड डिजिटल रूप से जमा किया जाएगा। डिजिटल इकोसिस्टम कई अन्य सुविधाओं को भी सक्षम करेगा जैसे कि डिजिटल परामर्श, रोगियों द्वारा चिकित्सकों को अपने पुराने चिकित्सा दस्तावेज देखने की सहमति आदि।
इसके माध्यम से रोगियों को डॉक्टरों के साथ अपनी हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर निदान और देखभाल सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकेंगे, जिससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित हो जाएगी।
डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम पर फोकस –
स्वास्थ्य सेवाओं को आसान और सुलभ बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों की सहायता से ऐसा का ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटली उपलब्ध हो सकेगा।
डिजिटल माध्यम से उपयोगकर्ता अपने स्वास्थ्य की जानकारी और परामर्श को आसानी से प्राप्त कर सकते है। उपयोगकर्ता ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपनी हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे जो बेहतर नैदानिक निर्णय लेने और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन क्या है –
पीएम मोदी ने सितंबर 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर डिजिटल स्वास्थ्य आईडी प्रदान करना है।
स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली किसी भी अस्पताल में डेटा का प्रबंधन करने के लिए एक सॉफ्टवेयर है जिसमें रोगी पंजीकरण, रोगी क्यू प्रबंधन, लैब सूचना प्रणाली, डॉक्टर डेस्क आदि जैसी कई डिजिटल सेवाएं शामिल होती हैं।
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता कार्ड की मदद से रोगी अपने मेडिकल रिकॉर्ड को खोए बिना हुए, उसे पूरे भारत में कहीं भी, कभी भी एक्सेस कर सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण इस मिशन के तहत देश के लिए एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है।
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