हाल के एक अध्ययन से यह पता चला है कि स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर जैसे पहनने योग्य उपकरण (wearable devices) कोविड-19 और हृदय रोगों के शुरुआती संकेतों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं, वो भी तब जब लक्षण प्रकट नहीं हुए हों। इस अध्ययन में पाया गया कि इन उपकरणों द्वारा एकत्रित डेटा, जैसे कि हार्ट रेट (heart rate), नींद की जानकारी (sleep patterns), शारीरिक गतिविधि और ब्लड ऑक्सीजन लेवल (blood oxygen levels), शरीर में होने वाले सूक्ष्म बदलावों को पहचानने में सहायक हो सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया द्वारा किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर जैसी तकनीक से निरंतर निगरानी करने पर कोविड-19 जैसे श्वसन संक्रमण और हृदय संबंधी बीमारियों, जैसे कि अरिथमिया (arrhythmia) का जल्द पता लगाया जा सकता है। ये उपकरण एक अर्ली वार्निंग सिस्टम (early-warning system) के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिससे उपयोगकर्ता लक्षणों के बिगड़ने से पहले ही चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, पुणे स्थित रूबी हॉल क्लिनिक के सलाहकार कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अनेश जैन ने कहा कि ये उपकरण केवल ऑक्सीजन सैचुरेशन (oxygen saturation) और एकल-लीड ईसीजी (single-lead ECG) मापते हैं, जो पारंपरिक 12-लीड ईसीजी के मुकाबले सीमित जानकारी प्रदान करते हैं। डॉ. जैन ने बताया कि एकल-लीड ईसीजी कुछ हृदय धड़कन असमानताओं, जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) का पता लगा सकता है, लेकिन हार्ट अटैक (heart attack) जैसी गंभीर समस्याओं के निदान के लिए यह अपर्याप्त है।
डॉ. जैन ने आगे कहा कि कोविड-19 के गंभीर मामलों में, जब ऑक्सीजन स्तर काफी कम हो जाता है, तब पहनने योग्य उपकरण अधिक प्रभावी हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर मरीज खुद ही लक्षणों को उपकरणों से पहले पहचान लेते हैं। इसलिए, कोविड-19 और हृदय रोगों के गंभीर मामलों के लिए पारंपरिक निदान तकनीक अधिक भरोसेमंद मानी जाती है।
पहनने योग्य उपकरणों के लाभ और सीमाएँ
स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर निश्चित रूप से स्वास्थ्य निगरानी के लिए कुछ उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकते हैं, लेकिन यह पारंपरिक 12-लीड ईसीजी (12-lead ECG) और अन्य विस्तृत चिकित्सा उपकरणों की तुलना में सीमित हैं। हृदय रोग (heart disease) और कोविड-19 जैसी बीमारियों के शुरुआती निदान के लिए पारंपरिक उपकरण अधिक सटीक माने जाते हैं।
हालांकि पहनने योग्य उपकरण भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में ये केवल प्रारंभिक चेतावनी के रूप में उपयोगी हैं। अधिक गंभीर बीमारियों के निदान और उपचार के लिए पारंपरिक चिकित्सीय विधियों पर निर्भर रहना ही सही विकल्प है। इसलिए, यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता हो, तो हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है।