राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में शुक्रवार को शिशुओं की मौत का आंकड़ा बढ़कर 12 हो गया। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने मौतों के कारण का पता लगाने के लिए मामले में जांच का आदेश दिया है।
चार सदस्यीय समिति तीन दिनों के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव शिवांगी स्वर्णकार नवजातों की मौत के कारणों की जांच करेंगी। आरसीएच और एसएमएस के दो अतिरिक्त प्राचार्य भी इस जांच में शामिल होंगे।
जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एससी दुलारा ने बताया कि तीन बच्चे मृत लाए गए थे। तीन को जन्मजात बीमारी थी और तीन की मौत दिमाग में पानी भरने से हुई है। इस मामले में अस्पताल की लापरवाही नहीं है।
कोटा के कलेक्टर उज्ज्वल राठौर ने कहा कि, प्रशासन की ओर से नये डॉक्टरों और कंपाउंडर लगाये गये हैं व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए। यह भी निर्णय लिया गया है कि 12 नये बेड -वार्ड शुरू किया जायेगा नवजात और बच्चों के लिए।
At our level, we've deputed extra doctors & compounders to strengthen the system for the continuous care of newborns. We've also decided to start a new 12-bed ward for children & newborns from tomorrow: Kota DM Ujjwal Rathore on the death of 9 newborns in JK Lone Hospital https://t.co/rEdEgB15Uz pic.twitter.com/A0qiDqLauL
— ANI (@ANI) December 11, 2020
नवजातों की मौत की जांच को लेकर जिला कलेक्टर ने एक विशेष बैठक बुलाई है। नवजातों की मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इन मौतों पर दुःख जताते हुए कहा है कि, जे.के.लोन अस्पताल में एक दिन में 9 नवजात शिशुओं की मौत दुखद है। भविष्य में नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रयास करने की जरुरत है। इसके लिए मैंने जिला और अस्पताल प्रशासन से बात की। राज्य और केंद्र सरकार के साथ भी चर्चा की जाएगी।
जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में जेके लोन अस्पताल चर्चा में आया था, जब यहां पर 100 बच्चों की मौत हो गई थी। पिछले साल दिसंबर में जेके लोन अस्पताल चर्चा में आया था, जब यहां पर 100 बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों की मौत के बाद गहलोत सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि भविष्य में नवजातों के लिए सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा।