नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि देश में अबतक एक लाख से अधिक लोगों की सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि अमृत काल बजट में 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू करने की घोषणा की गई थी।
इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 17 राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। अब तक एक लाख से ज्यादा स्क्रीनिंग हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने भारत को 2047 तक सिकेल सेल एनीमिया डिजीज से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्र सरकार ने सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिये एक मिशन की घोषणा की है।
सरकार ने वर्ष 2016 में सिकल सेल एनीमिया सहित हीमोग्लोबिनोपैथी की रोकथाम और नियंत्रण के लिये तकनीकी परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए हैं वहीं उपचार और निदान हेतु 22 आदिवासी ज़िलों में एकीकृत केंद्र भी स्थापित किए जा चुके हैं।
इसके अलावा बीमारी की जांच करने के लिए मध्य प्रदेश ने राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना भी की है।
In the #AmritKaalBudget, it was announced to launch a mission to eliminate sickle cell anemia from India by 2047.
Towards this, PM @NarendraModi Ji's Govt is working in tandem with Govts of 17 focused States.
So far, over 1 lakh screenings have been performed. pic.twitter.com/lRuH4gTvZy
— Dr Mansukh Mandaviya (मोदी का परिवार) (@mansukhmandviya) March 3, 2023
56 फीसदी महिलाएं बीमारी से ग्रस्त –
आपको बता दें कि भारत में यह बीमारी काफी बड़े स्तर पर फैली हुई है, आज 15 से 50 साल के उम्र की तकरीबन 56 फीसदी महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं।
पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार साल 2015 से 2016 के बीच 58.4% बच्चे और 53% महिलाएं इस बीमारी के शिकार हुए हैं। पिछले 6 दशकों से यह बीमारी भारत में और ज्यादा अपने पैर फैला रही है।
क्या है सिकल सेल एनीमिया –
सिकल सेल एनीमिया खून की कमी से जुड़ी एक बीमारी है। इस आनुवांशिक डिसऑर्डर में ब्लड सेल्स या तो टूट जाती हैं या उनका आकार बदलने लगता है जो खून की नसों में ब्लॉकेज कर देती हैं।
सिकल सेल एनीमिया में रेड ब्लड सेल्स मर भी जाती है और शरीर में खून की कमी हो जाती है। जेनेटिक बीमारी होने के चलते शरीर में खून भी बनना बंद हो जाता है। वहीं शरीर में खून की कमी हो जाने के कारण यह रोग कई जरूरी अंगों के डेमेज होने का भी कारण बनता है।
विश्व सिकल सेल दिवस –
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने आधिकारिक तौर पर 22 दिसंबर, 2008 को यह घोषणा की थी कि प्रत्येक वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य सिकल सेल रोग, इसके उपचार के उपायों के बारे में जागरूक करना है।