सर्दियों में सेहत का साथी साबित होगा आवला, जानिये इसके पांच सबसे बड़े फायदे


कई शोधों ने इसके प्रभाव को मान्यता दी है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण सर्दियों का सुपरफूड बनता है।


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सर्दियों में सेहत का साथी है आवला, जानिए इसके 5 बड़े फायदे benefits of amla, natural remedies

सर्दियों का मौसम आ चुका है और इस मौसम में सेहत के लिए काफी कुछ है करने को। इस मौसम में आने वाले फल आपको कई तरह के लाभ दे सकते हैं। इनमें से एक फल है आवला जो इसी मौसम में आता है। आवले को लेकर विश्वभर में कई शोध किए जा चुके हैं और सभी शोध यही बताते हैं कि आवला हर तरह से आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। ऐसे में जरूरी है कि आप सर्दियों के इस मौसम में इस सेहत के खजाने का लाभ उठाना बिल्कुल न छोड़ें। कोशिश कीजिए कि आप अगले कुछ महीनों के दौरान आवला को अपने दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाईए।

समझिए आवला क्या है और इससे क्या कुछ हासिल होगा

आवला, जिसे भारतीय आंवला या इंडियन गूसबेरी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक प्रमुख स्थान रखता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।

 

1. विटामिन सी का भंडार है ये फल

  • आवला विटामिन सी से भरपूर है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है। विटामिन सी के मामले में आवला कई अन्य फलों से अधिक पोषण देता है।
  • एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में बताया गया है कि आवला का नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमण से बचाता है।

भारत के ही रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन न्यूट्रीशन में एक अहम शोध किया गया है, जो बताता है कि आवला में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा का इम्यूनिटी पर  बेहद सकारात्प्रमक भाव पड़ता है और यह प्रभाव इंसानी शरीर को संक्रामक बीमारियों से बचाता है।यह शोध इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।

2. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर

  • आवला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्री रेडिकल्स से लड़ने में सहायक होते हैं, जिससे शरीर को रोगों से सुरक्षा मिलती है।
  • कुछ शोध बताते हैं कि एंटीऑक्सिडेंट्स के कारण आवला कैंसर जैसी घातक बीमारियों से लड़ने में भी सहायक हो सकता है।

अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में भी आवला पर रिसर्च हुआ है। ये रिसर्च आवला में मौजूद तत्वों का एंटी-कैंसर प्रभाव के बारे में बेहद विस्तार से बात करता है। इस शोध में जो निष्कर्ष सामने आए हैं वे बताते हैं कि आवला में टैनिन और फ्लेवोनॉइड्स में पाए जाते हैं, जो कैंसर-रोधी गुणों को बढ़ावा देते हैं। शोध से पता चला कि आवला के एंटीऑक्सिडेंट्स फ्री-रेडिकल्स को निष्क्रिय कर सकते हैं और कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकते हैं। इस रिसर्च का प्रकाशन: नुट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में हुआ है।

 

3. डाइजेशन यानी पाचन में सुधार

  • आयुर्वेद के अनुसार, आवला पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह शरीर में ऐसिडिटी और कब्ज की समस्या को भी नियंत्रित करता है।
  • एक शोध में यह पाया गया कि आवला में मौजूद फाइबर और अन्य तत्व पाचन तंत्र को सक्रिय रखते हैं।

सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS) ने आवला के पाचन और चयापचय पर सकारात्मक प्रभावों पर शोध किया है। यह अध्ययन बताता है कि आवला में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सक्रिय रखने और समस्याओं जैसे कब्ज और गैस से राहत देने में सहायक होती है। यह शोध *जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज* में प्रकाशित हुआ है, जो पाचन स्वास्थ्य के लिए आवला के लाभकारी प्रभावों को दर्शाता है। आप इसे CCRAS के आधिकारिक [जर्नल]  पर शोध पढ़ सकते हैं।

4. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

  • आवला के सेवन से त्वचा की चमक और बालों का घनत्व बनाए रखने में मदद मिलती है।
  • यह त्वचा को निखारता है और बालों को गिरने से रोकता है, जिससे स्किन और हेयर केयर में आवला का विशेष महत्व है।

हावर्ड मेडिकल स्कूल, यूएसए में आवले के त्वचा और बालों पर सकारात्मक प्रभाव पर शोध किया गया है। इस शोध में पाया गया कि आवला में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को निखारने और बालों को मजबूती देने में सहायक हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी, गैलिक एसिड, और इलैजिक एसिड त्वचा की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और उनके नवीनीकरण में सहायता करते हैं। आवला के एंटीऑक्सिडेंट्स के कारण त्वचा की चमक को बनाए रखने में मदद मिलती है और बालों का झड़ना कम होता है। यूवीबी किरणों से त्वचा की सुरक्षा और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में आवला विशेष रूप से प्रभावी है। इस शोध को यहां पढ़ा जा सकता है। 

5. मधुमेह नियंत्रण में सहायक

  • आवला में पाए जाने वाले तत्व ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं, जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
  • आंवला के एंटीऑक्सिडेंट्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं, जिससे मधुमेह के  प्रभावों से राहत मिलती है

इस बारे में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फ़ूड साइंस डिपार्टमेंट ने आवला के सेवन से मधुमेह रोगियों में शुगर स्तर पर प्रभाव विषय पर एक रिसर्च किया है। इस रिसर्च के प्रमुख निष्कर्षों में  पाया गया कि आवला का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक है, और इसके नियमित सेवन से टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में शुगर लेवल को बेहतर तरीके से संतुलित किया जा सकता है। इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डायबिटीज स्टडीज में पढ़ा जा सकता है।

इसके अलावा इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक डेवलपमेंट एंड रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन ने 30 मधुमेह रोगियों पर आवला का प्रभाव जांचा और पाया कि आवला का नियमित सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

छह महीने तक प्रतिदिन 35 ग्राम आवला का सेवन करने से इन रोगियों में फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर और एचबीए1सी के स्तर में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। यह अध्ययन भारत के आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय में हुआ, जिसमें रोगियों को बिना अन्य दवाओं के सेवन के केवल आवला का उपयोग कराया गया था​।

 


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