नई दिल्ली। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा 20 राज्यों की 76 कंपनियों के निरीक्षण के बाद भारत सरकार ने नकली दवाओं के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं।
DCGI ने 76 फार्मा कंपनियों का संयुक्त निरीक्षण किया था जिनमें से 18 के लाइसेंस नकली और मिलावटी दवाओं के उत्पादन के चलते रद्द कर दिए गए।
ज्ञात हो, पिछले 15 दिनों में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया है। इस दौरान घटिया दवाओं के निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान के पहले चरण में 76 कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।
Government of India cancels licenses of 18 pharma companies for manufacturing of spurious medicines following inspection by Drugs Controller General of India on 76 companies across 20 States: Official sources #DCGI pic.twitter.com/LDUpdKE2R7
— PB-SHABD (@PBSHABD) March 28, 2023
26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी –
नकली और मिलावटी दवाओं के निर्माण और जीएमपी (अच्छे विनिर्माण अभ्यास) के उल्लंघन के लिए इन 18 फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। केवल इतना ही नहीं, 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा निरीक्षण के बाद खराब क्वालिटी और नकली दवाओं पर इसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।
203 फर्मों पर हुई पहचान –
नियामक ने 203 फर्मों की पहचान की है। अधिकांश कंपनियां हिमाचल प्रदेश (70), उत्तराखंड (45) और मध्य प्रदेश (23) से हैं। दरअसल, हाल ही में भारत स्थित कंपनियों द्वारा निर्मित दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। ऐसे में इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
दुनिया में प्रति वर्ष नकली दवाओं से होती है 10 लाख से अधिक मौतें –
ध्यान देने योग्य है कि साल 2017 की WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, कम और मध्यम आय वाले देशों में परिचालित 10 में से 1 चिकित्सा उत्पाद या तो घटिया है या नकली।
यह भी अनुमान लगाया गया है कि नकली और घटिया दवाओं से प्रति वर्ष 10 लाख से अधिक मौतें होती हैं, जिससे वैश्विक वित्तीय प्रभाव का 21 बिलियन डॉलर होता है।