जिंदगी बदल सकता है रोजाना छह मिनिट का ये काम


दिमागी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए शक्कर और शारीरिक गतिविधियों का अहम योगदान है। रोजाना केवल छह मिनट का हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज मस्तिष्क को अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचा सकता है। अपने मस्तिष्क की उम्र बढ़ाने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए इस सरल आदत को अपनाएं।


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दवा-दारू Published On :
जिंदगी बदलने वाले छह मिनिट देशगांव

आपकी जीवनशैली ही आपकी दिमाग की सेहत का असली निर्णयकर्ता है। हालांकि जीन्स का असर आपकी सेहत पर पड़ता है, लेकिन एक हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिए उनके बुरे प्रभावों को काफी हद तक टाला जा सकता है। बस कुछ छोटे कदम आपके जीवन को बदल सकते हैं और लंबे समय तक आपके दिमाग को स्वस्थ रख सकते हैं।

दिमाग की सेहत

कई शोधों से यह साबित हुआ है कि शारीरिक व्यायाम, विशेष रूप से हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज, दिमागी सेहत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन के अनुसार, नियमित हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज से बीडीएनएफ (ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर) का स्तर बढ़ता है, जो मस्तिष्क में नर्व सेल्स के विकास और सुरक्षा में सहायक होता है। बीडीएनएफ की यह वृद्धि अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के जोखिम को कम करती है। इसके अतिरिक्त, 2020 की एक स्टडी में यह पाया गया कि केवल 6-10 मिनट का तगड़ा व्यायाम भी मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे में, रोजाना कुछ ही मिनटों की यह सरल आदत न केवल शरीर बल्कि मस्तिष्क की दीर्घकालिक सेहत में भी सुधार ला सकती है। आगे की बात छोटी सी कहानी और अनुभवों के रूप में कही गई है इसके अलावा कुछ तथ्य हैं। ये इस विषय पर हुई रिसर्च और अलग अलग लोगों के अनुभव का समिश्रण है।

1. आसान आदतें, बड़े लाभ

मेरी माँ बचपन से ही मेरे कोट की जेब में मेवे रखती थीं। स्कूल में सर्दी से बचने के लिए जब भी मैं हाथ जेब में डालता, वहां मेवे मिलते। आज भी वह मुझे खाने के डिब्बे में मेवे डालने की याद दिलाती हैं। इस छोटी सी आदत ने मुझे हमेशा सेहतमंद बनाए रखा। मेवे दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, खासकर उनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड जो नर्व सेल्स की हेल्दी कम्युनिकेशन में मदद करता है।

2. बस छह मिनट, ज़िंदगी बदलने के लिए

आपने न्यू ईयर पर “स्वास्थ्य को बेहतर बनाना” और “वजन कम करना” जैसे संकल्प बनाए होंगे, लेकिन क्या कभी पूरा कर पाए? कुछ ही दिनों में हम थक कर हार मान लेते हैं, लेकिन क्या होगा अगर आपको सिर्फ छह मिनट का समय देना पड़े? एक स्टडी के अनुसार, छह मिनट का हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज अल्जाइमर जैसी बीमारी से बचाने में फायदेमंद है। इसके मुकाबले 20 घंटे का फास्टिंग या 90 मिनट का हल्का एक्सरसाइज ज्यादा प्रभावी नहीं है। यह छोटी-सी आदत आपके दिमाग के लिए लंबी उम्र का उपहार साबित हो सकती है।

 

3. एक्सरसाइज में मेहनत का असली फायदा

हम हमेशा एक्सरसाइज को टालते रहते हैं, जबकि यह हमारे दिमाग की सेहत को सुधारने में अद्वितीय है। छह मिनट की हाई-इंटेंसिटी एक्सरसाइज में बीडीएनएफ (ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर) को बढ़ावा मिलता है, जो दिमागी नर्व्स के लिए सहायक है। ऐसे में अगर आप अपने दिमाग की सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं, तो हर हफ्ते कम से कम दो बार इस तरह की एक्सरसाइज को अपनी आदत में शामिल करें।

 

4. एक साधारण, पर असरदार रूटीन

यह रूटीन मुश्किल नहीं है। बस चार आसान मूवमेंट्स की एक सर्किट बनाएं और इसे तीन बार दोहराएं। एक कार्डियो HIIT वर्कआउट को हफ्ते में एक बार जरूर करें – चाहे वह जंप रोप हो या स्प्रिंट ट्रेनिंग। YouTube पर कई छोटे-छोटे वर्कआउट्स उपलब्ध हैं जिन्हें आप फॉलो कर सकते हैं।

  • बदलावों पर गौर करें: HIIT वर्कआउट के छोटे समय में मिलने वाले लाभों पर ध्यान दें। ये लाभ आपकी प्रेरणा को बढ़ाएंगे, जिससे आप नियमित रूप से इसे करने के लिए प्रेरित रहेंगे।
  • सरल और प्रभावी सर्किट प्लान करें: चार आसान मूवमेंट्स के सर्किट बनाएं और उन्हें तीन बार तक रिपीट करें। इससे आपका वर्कआउट न केवल सरल रहेगा, बल्कि प्रभावी भी होगा।
  • नई-नई एक्सरसाइज़ करें: एक ही वर्कआउट दोहराने से बचें। तीन अलग-अलग रूटीन बनाएं ताकि जब आप बोरियत महसूस करें, तो उन्हें बदल सकें। इससे आपको हर बार कुछ नया महसूस होगा और वर्कआउट में रुचि बनी रहेगी।
  • साप्ताहिक कार्डियो HIIT: हर हफ्ते एक कार्डियो HIIT वर्कआउट जरूर करें, जैसे कि जंप रोप या स्प्रिंट ट्रेनिंग। इससे आपकी कार्डियोवैस्कुलर सेहत में भी सुधार होगा।
  • मजेदार रूटीन बनाएं: यूट्यूब पर अनगिनत वर्कआउट वीडियो मौजूद हैं, जो आपके रूटीन को और मजेदार और आसान बना सकते हैं। ऐसा रूटीन बनाएं जो लंबे समय तक टिक सके।
  • दिमाग की सेहत के लिए प्रेरित रहें:

यह जानकर कि मात्र दस मिनट का आसान वर्कआउट भी आपके दिमाग की सेहत को बेहतर बना सकता है, प्रोकास्टिनेशन की आदत को खत्म करना आसान हो जाएगा।


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