आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत 10 लाख से अधिक लोगों ने करवाया OPD के लिए डिजिटल रजिस्ट्रेशन


ओपीडी में कतारों को कम करने के लिए अस्पतालों में डिजिटल टोकन जारी करने की व्यवस्था के मद्देनजर दस लाख से अधिक डिजिटल टोकन जारी किए गए।


DeshGaon
दवा-दारू Published On :
digital registration for Ayushman Bharat Digital Mission

नई दिल्ली। लोगों को कतारों से मुक्ति दिलाने के लिए देश के अस्पतालों में ओपीडी में स्वास्थ्य जांच के लिए डिजिटल पंजीकरण की संख्या 10 लाख के पार हो गई है।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत ओपीडी के लिए अब तक 10 लाख से अधिक लोगों ने डिजिटल टोकन की सुविधा का लाभ उठाया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत त्वरित और बिना कतार के ओपीडी पंजीकरण के बारे में जानकारी दी।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार मरीजों की देखभाल और लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। ओपीडी में कतारों को कम करने के लिए अस्पतालों में डिजिटल टोकन जारी करने की व्यवस्था के मद्देनजर दस लाख से अधिक डिजिटल टोकन जारी किए गए।

समय की बचत हुई –

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत अक्टूबर 2022 में त्वरित ओपीडी पंजीकरण के लिए स्कैन और शेयर सेवा का शुभारंभ किया था।

इस सेवा के शुभारंभ के छह महीनों में ही, इस सेवा को 365 अस्पतालों द्वारा अपनाया गया। और अब क्यूआर-कोड आधारित इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन सर्विस ने ओपीडी रजिस्ट्रेशन में वेटिंग टाइम को काफी कम करके 10 लाख से अधिक रोगियों का समय बचाने में मदद की है।

पेपरलेस रजिस्ट्रेशन संभव –

बता दें कि इस सेवा को प्रदान करने वाले अस्पताल (सरकारी व निजी) रोगी पंजीकरण क्षेत्रों में अपने अनूठे क्यूआर कोड्स को प्रदर्शित करते हैं। रोगी अपनी पसंद के किसी भी हेल्थ एप्लिकेशन (जैसे आभा ऐप, आरोग्य सेतु ऐप,पेटीएम) का उपयोग करके क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं।

इसके साथ ही वे अपनी आभा प्रोफाइल (जनसांख्यिकीय जानकारी जैसे नाम, आयु, लिंग और आभा संख्या) को अस्पताल की स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के साथ साझा कर सकते हैं। यह पेपरलेस पंजीकरण को संभव बनाता है और इस तरह तत्काल टोकन उपलब्ध कराता है।

निजी अस्पताल भी ABHA आधारित रजिस्ट्रेशन का उठा रहे हैं लाभ –

आपको बता दें कि ABHA आधारित पंजीकरण का लाभ सरकारी अस्पताल के अलावा कई निजी अस्पताल भी उठा रहे हैं। वर्तमान में देश के 25 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में लागू है।

वहीं कर्नाटक (2.5 लाख यूजर्स), उत्तर प्रदेश (1.1 लाख यूजर्स) और दिल्ली (72 हजार यूजर्स) बेहतर अनुभव के लिए इस स्कैन और शेयर सेवा को अपना रहे हैं।


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