धार। नर्मदा पट्टी में अवैध व अस्वीकृत खदानों में रेत माफियाओं ने लूट मचा रखी है। स्वीकृत खदानों की आड़ में रेत माफियाओं ने अस्वीकृत खदानों से रेत का खनन प्रारंभ कर दिया है।
नर्मदा की गोद से लेकर नर्मदा तटों को खोखला करने रेत माफिया जुटा हुए हैं जबकि प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है जिसके चलते बिना राजस्व के रेत माफिया मोटी कमाई में लगे हुए हैं।
नर्मदा तटों व नर्मदा तल में जमा बालू पर हमेशा रेत माफियाओं की नजर होती है जिसके चलते मौका मिलते ही इस पर रेत माफिया टूट पड़ते हैं। ऐसा ही आलम वर्तमान में देखने को मिल रहा है।
धरमपुरी तहसील के पूरे नर्मदा क्षेत्र में इन दिनों रेत माफिया बेहद सक्रिय होकर नर्मदा को छलनी करने में दिन-रात लगे हुए हैं। शासन द्वारा खनन के लिए स्वीकृत खदानों की आड़ में रेत माफिया अस्वीकृत खदानों में खनन कर रहे हैं।
अवैध रुप से जारी खनन में शासन को भी राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। वर्तमान में नर्मदा पट्टी के गांव लसनगांव, मोरगड़ी, पिपल्दागढ़ी, निमोला, भोगांव, गुलाटी, शाहपुरा, हतनावर आदी क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय है।
प्रशासनिक अनदेखी के चलते रेत माफिया निरंकुश होकर जहां मर्जी वहां खनन कर रहे हैं। विशेषकर रात के अंधेरे में रेत माफिया रेत की चोरी कर सप्लाई में जुटते हैं जिसमें शासन को राजस्व के नाम पर कुछ नहीं मिलता है जबकि रेत माफिया इसमें मोटी कमाई कर लेते हैं।
बेट (टापू) भी निशाने पर –
रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे कभी भी कहीं से भी रेत का अवैध खनन शुरू कर देते हैं। नर्मदा नदी के बीच में स्थित धार्मिक व पौराणिक महत्व के स्थान बेट (टापू) को भी रेत माफियाओं ने निशाना बना रखा है।
रात के अंधेरे में मौका पाकर खनन माफिया टापू से रेत खनन कर धार्मिक महत्व के स्थान को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। खनिज विभाग व राजस्व विभाग को भी इसकी पूरी जानकारी है। इसके बावजूद कोई ठोस कारवाई नहीं की गई जिससे की इस पर रोक लग सके।
इस संबंध में नवागत तहसीलदार आदर्श शर्मा ने बताया कि अवैध रूप से खनन करने वालों के खिलाफ आगामी एक-दो दिन में कारवाई की जाएगी।