नर्मदा में अवैध खनन रोकने अधिकारी कर रहे बैठक और चंद कदम दूर माफिया बेपरवाह


खबरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं तो अधिकारी अवैध खनन रोकने के लिए बैठक करके रणनीति बनाते हैं जिसके उलट माफिया अधिकारियों के किसी कार्यवाही से बेखौफ दोगुनी गति से रेत उलीच रहे हैं।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
narsinghpur illegal mining

नरसिंहपुर। माफिया के द्वारा रेत का बेजा खनन करने से नर्मदा छलनी-छलनी हो रही है। कहीं जेसीबी के पंजे नदी के वक्षस्थल को चीर रहे हैं तो कहीं नाव के जरिये नदी के अंदर से रेत निकाली जा रही है।

अवैध खनन रोकने के लिए अधिकारी नरसिंह भवन कलेक्ट्रेट में बैठक कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट चंद किलोमीटर दूर नर्मदा के कई घाटों में माफिया बेपरवाह तरीके से खनन कर रहा है।

नर्मदा के कई तटों से और नदी के अंदर से रेत का बेजा खनन नर्मदा के अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है। अवैध खनन करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।

खबरें जब सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं तो अधिकारी अवैध खनन रोकने के लिए बैठक करके रणनीति बनाते हैं जिसके उलट माफिया अधिकारियों के किसी कार्यवाही से बेखौफ दोगुनी गति से रेत उलीच रहे हैं।

नर्मदा की कई घाटों में रेत का खनन कहीं जेसीबी के जरिये हो रहा है तो कहीं नदी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। नदी के अंदर से नाव के जरिये रेत भरी जाती है और फिर उसे तट पर लाकर ट्रॉली में पलट दिया जा रहा है।

प्रशासन ने अवैध खनन को रोकने का दिखावा कर लगभग एक दर्जन चेकपोस्ट कई घाटों में जरूर बना दिए हैं, लेकिन माफिया ने दाएं-बाएं से कई और रास्ते निकाल लिए। प्रशासन डाल-डाल तो रेत माफिया पात-पात है। रेत का बेजा खनन करके वह अधिकारियों की कार्यप्रणाली को चुनौती दे रहे हैं।

राजनीतिक दबाव आस्था पर पहुंचाता चोट –

अवैध खनन बहुत अधिक हो रहा है। रेत माफिया हम लोगों की आस्था पर चोट पहुंचा रहा है। वह राजनीतिक दबाव में है जिससे खनन बहुत अधिक हो रहा है। अवैध खनन लोगों के जीवन पर भी खतरा बन गया है। – सुनील जायसवाल पूर्व विधायक एवं कांग्रेसी नेता

जलीय जीव जंतु नदारद, महाशीर को खतरा –

अवैध खनन से नर्मदा और उसके आसपास की जलीय जीव-जंतु, वनस्पतियां पूरी तरह से विलुप्त हो गए हैं। नर्मदा के विभिन्न घाटों पर गहराई में पाई जाने वाली महाशीर नामक मछली भी अब विलुप्त होने की कगार पर है। – अमर नौरिया, समाजसेवी एवं प्रवक्ता, मध्यप्रदेश मछुआरा संघ

रेत का परिवहन डंपर हाईवा से नहीं तो अब ट्रैक्टर ट्रॉलियों से –

शासन ने नर्मदा के कई तटों पर चेक पोस्ट जरूर बना दिए हैं पर वहां से चंद कदमों की दूरी पर ही रेत का खनन हो रहा है। यह रेत डंपर हाईवा से नहीं हो रहा है तो खेती-बाड़ी में काम आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलियों से हो रहा है। ट्रैक्टर ट्रॉली में रेत भरकर आसपास के क्षेत्रों में स्टॉक कर दी जाती है जहां से वह शहर तक पहुंचाई जा रही है।

और बोलते हैं खनिज अधिकारी कार्यवाही करूंगा –

रेत के अवैध खनन से जहां नर्मदा छलनी हो रही है वहीं आसपास के गांव के लोग भी बहुत अधिक तंग हैं lरेत माफिया का नेटवर्क प्रशासन के नेटवर्क से काफी तगड़ा हैl अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही माफिया खनन में उपयोग में आने वाले पूरे सामान को इधर-उधर कर देता है lदूसरी तरफ अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ते हैं कि हमें सूचना मिलेगी तो हम जरूर कार्यवाही करेंगे। – ओपी बघेल, जिला खनिज अधिकारी नरसिंहपुर