जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने पर्यावरण को संरक्षित रखने की दिशा में अहम आदेश जारी करते हुए डुमना नेचर पार्क के इर्दगिर्द खंदारी जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डुमना एयरपोर्ट विस्तारीकरण कार्य को आदेश से छूट देते हुए जबलपुर संभागायुक्त व कलेक्टर को इस आदेश का परिपालन करने का जिम्मा सौंपा है और केस में अगली सुनवाई दो अगस्त को करने की बात कही है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जबलपुर को भी इंदौर, भोपाल की तरह विकास की जरूरत है, लेकिन विकास के लिए पर्यावरण की अनदेखी नही की जा सकती।
कोर्ट ने कहा कि डुमना वन्य क्षेत्र और वहां के वन्य प्राणियों का संरक्षण जबलपुर के हित में है। जबलपुर की जनता के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार को वहां निर्माण रोकने चाहिए।
खंदारी के कैचमेंट एरिया में हो रहे निर्माण पर्यावरण के लिहाज से नुकसानदेह हैं। लिहाजा, खंदारी के कैचमेंट एरिया में डुमना एयरपोर्ट विस्तारीकरण कार्य को छोड़कर अन्य सभी निर्माण कार्य रोक दिए जाएं। इनमे प्रस्तावित, हो रहे व नए निर्माण शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा कि इन सभी निर्माण कार्यों को अन्यत्र शिफ्ट करने पर सरकार विचार कर बताए। जरूरत पड़े तो नर्मदा के उस पार भी इनके लिए जगह देने पर विचार किया जाए।
वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा व अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने कोर्ट को जानकारी दी कि 2015 में एक लंबित याचिका की सुनवाई के दौरान एपको ने एक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसके अनुसार डुमना और खंदारी जलाशय के बीच का एरिया खंदारी जलाशय का कैचमेंट एरिया है।
इसी इलाके के वर्षा जल संग्रहण से खंदारी जलाशय में पानी जाता है जिससे जबलपुर शहर को पेयजल की आपूर्ति का बड़ा हिस्सा मिलता है। वरिष्ठ अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि उक्त रिपोर्ट में खंदारी जलाशय के कैचमेंट एरिया में कोई भी निर्माण न होने देने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने रिपोर्ट की अनुशंसाओं का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अब सरकार डुमना में स्पोर्ट्स सिटी बनाने जा रही है। इसके अलावा भी कई निर्माणों को मंजूरी दी गई है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इन निर्माणों को रोका जाना जरूरी है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव, उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली व नगर निगम की ओर से अधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह उपस्थित हुए।