अडानी एंटरप्राइजेज भारत में पहली बार कोयला खदान हासिल करने में सफल रही। कंपनी भारत की सबसे बड़ी खदान डेवलपर और परिचालक है तथा इसने 11 खदानों और एक कोयला वॉशरी के लिए अनुबंध किया हुआ है। अडानी समूह की स्ट्रेटाटेक मिनरल्स रिसोर्सेस ने मध्य प्रदेश की धिरौली खदान के लिए अधिक बोली लगाई थी।
Adani Group firm Stratatech Mineral Resources has won the Dhirauli coal mine in Madhya Pradesh, which has an estimated coal reserves of 586 million tonnes, by offering to share 12.50% of the revenues https://t.co/1yjZuM7wyp
— The Telegraph (@ttindia) November 4, 2020
इसने राजस्व साझेदारी में 12.5 फीसदी प्रीमियम की बोली लगा कर हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को दौड़ से बाहर कर दिया। धिरौली खदान सिंगरौली जिले में है और यहां से सालाना 30 लाख टन कोयले का खनन किया जा सकता है।
Another great day for the coal sector!
4 coal mines were put up today under auctions for commercial mining. All mines witnessed strong bidding and Gotitoria mine in Madhya Pradesh received a phenomenal 54% premium over the floor price.https://t.co/Yq9tFD7Ui6 pic.twitter.com/iS6YraWqB8
— Pralhad Joshi (Modi Ka Parivar) (@JoshiPralhad) November 4, 2020
इससे पहले अडानी को खुद के इस्तेमाल के लिए 2014 में हुई कोयला ब्लॉकों की नीलामी में एक खदान आवंटित की गई थी, हालांकि दो साल बाद उसका आवंटन रद्द कर उसे जिंदल स्टील ऐंड पावर को दे दिया गया था।
वाणिज्यिक स्तर पर कोयला खनन एवं बिक्री के लिए कोयला खदान हासिल करने वाली एक और बड़ी कंपनी आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग इंडिया है। एस्सेल माइनिंग ने मध्य प्रदेश के बंधा खदान के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी।