ग्वालियर। शहर की सड़कों से उठती धूल व जगह-जगह कचरे को जलाने की मुख्य वजह से ग्वालियर शहर की आबोहवा काफी प्रदूषित हो चुकी है। हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि रविवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्श यानी एक्यूआई 373 पर पहुंच गया जिसे अति गंभीर की श्रेणी का माना जाता है।
मध्यप्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर इस समय ग्वालियर बन चुका है जहां सूबे को छोड़िए देश की राजधानी दिल्ली से भी अधिक प्रदूषण है जहां का एक्यूआई 294 अंक पर है।
स्थानीय प्रशासन व नगर निगम शहर में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है। नगर निगम द्वारा हर दिन आठ किलोमीटर सड़क से धूल उठाने के दावे भी सही साबित नहीं हो रहे हैं क्योंकि शहर की हर सड़क के किनारों पर धूल जमा है।
ग्वालियर में धूल के कारण है प्रदूषण है। इसे किस तरह से नियंत्रित किया जा सकता है इसके बारे में नगर निगम व प्रशासनिक अफसरों को अवगत कराया है। केवल पानी के छिड़काव से प्रदूषण नहीं रोका जा सकता। हर बिंदू पर काम करना होगा तभी बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सकता है। – एचएस मालवीय, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
ऐसे वातावरण में सांस लेना खतरे से खाली नहीं है और डॉक्टर भी लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं।
कहां पर कितना एयर क्वालिटी इंडेक्स –
शहर – वायु गुणवत्ता
ग्वालियर – 373
भोपाल – 189
इंदौर – 112
जबलपुर – 303
दिल्ली – 294
शहर के अलग अलग क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर –
स्थान – वायु गुणवत्ता – पीएम10 – पीएम2.5
बाड़ा – 441 – 368.71 – 282.71
सिटी सेंटर – 369 – 324.72 – 228.66
डीडी नगर – 362 – 421.02 – 216.67
फूलबाग – …… – 196.24