धार। गेहूं पर बालियां आने लगी और फसल लहलहाने लगी। एक हफ्ते से चल रही कड़ाके की ठंड से गेहूं-चने की फसलों में रंगत आ गई है। ठंड का मौसम फसलों के लिए जीवनदान देने वाली होती है।
ठंड गिरने से फसलों को फायदा मिलने लगा है। पिछले सप्ताह से ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है। ठंड का फायदा रबी की फसलों को सबसे ज्यादा होता है।
जिले में इस बार रबी की फसलों में मावठा न गिरने व तापमान में लंबे समय तक गरमाहट रहने से रबी फसलों की प्रोषण तत्वों की कमी देखने को मिली थी। अब तापमान में गिरावट होने से रबी फसलों को काफी लाभ होगा।
फसलों की अच्छी ग्रोथ पर किसानों का कहना है कि इस बार फसल को बोने के बाद भी अच्छी ठंड ना पड़ने के चलते और मावठा ठीक से न पड़ने से फसल की ठीक से ग्रोथ नहीं हो पा रही थी, लेकिन पिछले सप्ताह से ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसका फायदा रबी फसलों को सबसे ज्यादा हुआ है।
फसलों की अच्छी बढ़त पर किसान मुकेश परमार का कहना है कि इस बार फसल को बोने के बाद से अच्छी ठंड ना पड़ने के चलते और मावठा नहीं गिरने से फसल की बढ़त अच्छी नहीं थी। तापमान गिरने व ठंड बढ़ने से खेतों में खड़ी फसलों में काफी चमक आ गई है। इस समय गेहूं की फसल में पानी चल रहा है जबकि यूरिया की कमी के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि आने वाले समय में यदि ठंड में इजाफा हो जाता है तो फसल को इसका काफी अच्छा फायदा होगा। सदियों का मौसम आते ही जैसे-जैसे तापमान गिरता है रबी फसलों की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद हो जाती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है। रबी फसलों के तहत प्रमुख फसलों में गेहूं, चना, मटर, लहसुन, गन्ने आदि की फसलों को व्यापक स्तर पर फायदा पहुंचने की उम्मीद काफी बढ़ गई है। किसानों का भी कहना है कि सर्दी हो जाने से फसलों में दाना भी काफी अच्छा पड़ता है व गेहूं और अन्य फसलों में उत्पादन पर भी फर्क दिखता है।
गेहूं सहित अन्य फसलों को फायदा, आलू-टमाटर को नुकसान –
ठंड बढ़ने व हवा बढ़ने से किसान के खेतों में गेहूं, चना की पौधा को फायदा होगा व दूसरी तरफ आलू की खेती करने वाले किसानों की समस्या बढ़ गई है। ठंड व कोहरा बढ़ने के कारण आलू व टमाटर के पौधों में झुलसा नामक बीमारी होने की संभावना है।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसे मौसम में आलू के पौधों को ज्यादा नुकसान होने की संभावना रहती है इसलिए आलू की खेती करने वाले किसानों को अपने खेत में रिडोमिल गोल्ड नामक 2 ग्राम दवाई को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए ताकि आलू के पौधों को झुलसा नामक रोग से लगने से बचाया जा सके।
फसलों के लिए अनुकूल नहीं है मौसम –
सुबह-शाम ठंड के साथ दोपहर का खुला मौसम खेतों में खड़ी फसलों के लिए लाभदायक है। कई किसानों के खेतों में गेहूं-चने में सिंचाई हो रही है। फसलों के हिसाब से देखा जाए तो इस मौसम से रबी फसल गेहूं-चने की फसलों ने ठंडक गिरने से पैदावार में गति पकड़ी है।
किसानों का मानना है कि अभी तक रबी फसलों की हालत ठीक है। बस और ठंड गिरती है तो फसलों में उठाव आएगा। वैसे अभी की स्थिति तो ठीक है।
ग्राम अनारद के किसान मेताब सिंह पंवार ने बताया कि ठंड की और दरकार है। अगर ठंड अधिक गिरती है तो गेहूं के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा। इससे गेहूं की कलियां व गेहूं की जड़ों व गेहूं की बालियों में ठंड का अधिक महत्व रहता है जिससे गेहूं का उत्पादन बढ़ता है।
फसलों में आई चमक –
तापमान के गिर जाने व ठंड के बढ़ जाने से खेतों में खड़ी फसलों में काफी चमक आ गई है। इस समय गेहूं की फसल में पानी चल रहा है जबकि यूरिया की कमी के चलते हमको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले समय में ठंड में इजाफा हो जाता है तो फसल को इसका काफी अच्छा फायदा होगा। – भगवान सिंह लववंशी, किसान, सकतली
और बढ़ेगी ठंड तो फसलों को फायदा –
सर्दियों का मौसम आते ही जैसे-जैसे तापमान गिरता है रबी फसलों की पैदावार ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद हो जाती है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ती तो फसलों को लाभ होगा। रबी की फसलें ठंड पर ही निर्भर रहती हैं। सर्दी हो जाने से फसलों में जान आ जाती है। – कमल किशोर, किसान, अनारद