इंदौर। स्वच्छता में लगातार नंबर वन का पॉजीशन बरकरार रखने के बाद इंदौर शहर का सिरपुर तालाब अब वैश्विक धरोहर में शामिल हो चुका है जिससे इसका नाम एक बार फिर वैश्विक स्तर पर बड़ा हुआ है।
सिरपुर तालाब पर दुर्बल पक्षी प्रजातियां रहती है, देशी-विदेशी पक्षी यहां आते हैं, वो तालाब के पर्यावरण को पंसद हैं, यहां आने में पक्षी डरते नहीं है, स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं।
सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिलने का श्रेय शहर के नागरिकों, पर्यावरणविदों, नगर निगम, पक्षी प्रेमियों के साथ शासकीय एजेंसियों को भी जाता है। इससे पहले शिवपुरी के सांख्य सागर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिल चुका है।
मध्यप्रदेश के पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि सांख्य सागर तालाब शिवपुरी के बाद इंदौर के सिरपुर तालाब को मध्यप्रदेश का तीसरा रामसर साइट का दर्जा प्राप्त हुआ है।
डंग ने जानकारी देते हुए बताया कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लगातार किये जा रहे प्रयासों को केन्द्र शासन से मिली एक सशक्त पहचान है।
भारत में रामसर साइट की संख्या हुई 64 –
ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु और कर्नाटक के जल-स्थलों को रामसर साइट घोषित किया गया है। इनको मिलाकर देश में रामसर साइट की संख्या 64 हो गई है।
वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु असंतुलन और परिवर्तन के दौर में रामसर साइट की भूमिका विश्व के पर्यावरण सुधार में अति महत्वपूर्ण है। वरिष्ठ पर्यावरणविद भालू मोंढे का कहना है कि ये इंदौर के लिए ओलंपिक अवार्ड हासिल होने जैसा है।
सीएम चौहान ने यूं दी बधाई –
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इसके लिए इंदौर को बधाई दी। सीएम चौहान ने ट्वीट में कहा कि इंदौर के सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
मां अहिल्याबाई की पवित्र नगरी इंदौर के मुकुट में एक और सुंदर रत्न है। अनूठी संस्कृति, विकास एवं स्वच्छता के आयामों में प्रकृति के संरक्षण का भी एक सुंदर अध्याय जुड़ गया है।
इंदौर के सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
मां अहिल्याबाई की पवित्र नगरी इंदौर के मुकुट में एक और सुंदर रत्न है। अनूठी संस्कृति, विकास एवं स्वच्छता के आयामों में प्रकृति के संरक्षण का भी एक सुंदर अध्याय जुड़ गया है।https://t.co/IlS7O2RB7I pic.twitter.com/ZHIXkc0utU
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) August 3, 2022
रामसर सचिवालय को भेजा गया था प्रस्ताव –
रामरस भूमि का दर्जा मिलने के बाद तालाब के साथ उसके आसपास स्थित क्षेत्रों को भी सूचीबद्ध कर संरक्षित किया जाएगा। इससे जैव विविधता व पर्यावरण संरक्षण को फायदा मिलेगा।
स्विट्जरलैंड के बैंड स्थित रामसर सचिवालय को इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा गया था जिसके बाद इंदौर और शिवपुरी के तालाबों पर जैव विविधता संबंधी अध्ययन किया गया था। अब दोनों तालाबों पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यावरण व जैव विविधता के संरक्षण से जुड़े कामों पर तवज्जो दी जाएगी।
यह है रामसर साइट –
रामसर एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिस पर 1971 में ईरान के रामसर शहर में हुए सम्मेलन में कई देशों ने वेटलैंड के संरक्षण केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बुधवार को मध्यप्रदेश के लिए किए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।