ज़मीनी स्वच्छता में अव्वल इंदौर आने वाले समय में होगा देश की सबसे साफ हवा का शहर


क्लीन एयर कैटेलिस्ट दुनिया के तीन शहरों की वायु गुणवत्ता के लिए काम कर रहा है इनमें से एक इंदौर है.


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इन्दौर Published On :

इंदौर। साफ-सफाई के मामले में लगातार छह बार भारत का सबसे अच्छा शहर बन चुका इंदौर अब अपनी हवा को साफ करने के लिए जुट गया है। इस काम में इंदौर एक बार फिर देश के बाकी शहरों के मुकाबले सबसे पहले और तेज़ी से काम कर रहा है। दुनिया की प्रतिष्ठित पर्यावरण हितैषी संस्थाएं पिछले दो साल से इंदौर में एक सर्वे कर रही हैं और इसके बाद इन संस्थाओं ने अगले दो वर्षों मे इंदौर की आबोहवा को पूरी तरह साफ करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए इंदौर में तीन बेहद उन्नत किस्म के एयर मॉनिटर लगाए जा रहे हैं। बुधवार को इन मॉनिटर का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव के साथ इन संस्थाओं के शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक मौजूद रहे।

कलेक्टर कार्यालय के नज़दीक मालव कन्या विद्यालय में हुए इस उद्धाटन समारोह में हवा की गुणवत्ता मापने का यह मॉनिटर लगाया गया है। इस कार्यक्रम में पहुंचे मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर देश का सबसे साफ शहर है लेकिन जैसे चांद पर दाग हो सकते हैं वैसे ही इस सुंदर शहर में भी कुछ चुनौतियां हैं जिनसे वे लगातार जूझ रहे हैं। ये चुनौतियां हैं लगातार बढ़ रहा ट्राफिक और इससे निकलने वाला प्रदूषण। ऐसे में क्लीन एयर कैटेलिस्ट का यह कार्यक्रम इन चुनौतियों को खत्म करने के लिए शहर की मदद करने वाला साबित होगा। भार्गव ने इस प्रोजेक्ट में शामिल सभी सहभागी संस्थाओं को इंदौर का चुनाव करने के लिए धन्यवाद दिया।

पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर
क्लीन एयर कैटेलिस्ट के कार्यक्रम में

हवा की गुणवत्ता मापने वाले ये तीन उपकरण इंदौर शहर के तीन हिस्सों में लगाए गए हैं। जिनका शुभारंभ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), क्लीन एयर कैटलिस्ट और इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने मिलकर किया। ये तीनों उपकरण वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों पर सटीक डेटा देंगे। इनसे मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे।

उद्घाटन कार्यक्रम की तस्वीर

कार्यक्रम में पहुंचे विशेषज्ञों ने बताया कि उपकरण प्रदूषण फैलाने वाले सूक्ष्म कणों के स्तर को मापेंगे। प्रदूषण फैलाने वाले सूक्ष्म कण हमारी सांस में जा सकते हैं और दिल का दौरा, स्ट्रोक और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

मालव कन्या विद्यालय की छत पर लगाया गया है एयर क्वलिटी मॉनिटर करने वाला यह उपकरण

विशेषज्ञों ने बताया कि मालव कन्या स्कूल में स्थापित उपकरण ब्लैक कार्बन के स्तर को भी मापेंगे। ब्लैक कार्बन एक ऐसा जलवायु प्रदूषक है जो हमारी धरती को गर्म करता है और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। यह उपकरण एक अन्य खतरनाक प्रदूषक कार्बन मोनोऑक्साइड की भी गणना करेंगे।

भारत में यूएसएआईडी मिशन निदेशक वीना रेड्डी के मुताबिक, “भारत में यूएसएआईडी बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि और पर्यावरण के लिए सरकार, समुदायों और निजी क्षेत्र के साथ मिल कर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायु प्रदूषकों को कम करने के लिए स्थानीय स्तर के समाधान विकसित कर रहा है। यूएसएआईडी को उम्मीद है कि इंदौर में स्थापित इन नए स्टेशनों के जरिये हासिल बेहतर डेटा इंदौर के वायु गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों में सहयोग देगा और अन्य शहरों और नीति निर्माताओं को आगे की कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करेगा।”

क्लीन एयर कैटेलिस्ट प्रोग्राम के तहत बीते दो वर्षों में इंदौर में वायु प्रदूषण को लेकर काफी अध्य्यन किया गया है। इस अध्ययन में यहां वायु प्रदूषण के कारणों को खोजा गया। इस कार्यक्रम के भारतीय प्रमुख कौशिक हजारिका बताते हैं कि प्रदूषण की कई वजहें हो सकती हैं लेकिन इंदौर के मामले में तीन कारणों को चुना गया है। इनमें से एक कारण है यातायात, दूसरा कचरा जलाया जाना और तीसरा औद्योगिक प्रदूषण। अब एजेंसियां आंकड़ों के आधार पर इन तीनों कारकों पर काम करेंगी और इनका हल निकालेंगी। इस काम में इंदौर नगर निगम का सहयोग अहम होगा।

दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था डब्ल्यूआरआई इंडिया के एयर क्वालिटी एक्शन कार्यक्रम के निदेशक श्री कुमार कुमारस्वामी ने कहा कि वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले इन उपकरणों से  मिलने वाला डेटा वायु प्रदूषण के वर्तमान स्तरों का आंकलन करेगा और इसके बाद इस अहम चुनौती को हल करने के लिए डेटा बैंक की मदद से समाधान खोजे जाएंगे।  वायु प्रदूषण महिलाओं, बच्चों और कम आय वाले समुदायों को ज्यादा प्रभावित करता है।

 

एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) संस्था के भारत में चीफ एडवाइज़र हिषम मंडल ने  कहा कि स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर का 6 साल नाबाद रहना महज संयोग से नहीं हुआ। यह सक्षम राजनैतिक और प्रशासनिक नेतृत्व, जनभागीदारी, प्रौद्योगिकी की मदद, वार्ड और गली-मोहल्लों में की गई कार्रवाई के साथ ही निगरानी और सतत सुधार के कारण हुआ। वे कहते हैं कि इंदौर में बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण नहीं है लेकिन अगले दो सालों में इस शहर के हिसाब से कुछ कार्यक्रम बनाए जाएंगे। जिनके आधार पर भविष्य में इस शहर को वायु प्रदूषण से बचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इंदौर की संस्कृति के हिसाब से इस कार्यक्रम को शुरु करने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।

मालव कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में हुआ आज का आयोजन क्लीन एयर कैटलिस्ट, इंदौर नगर निगम, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र, उद्योग, सिविल सोसायटी जैसे सभी साझेदारों के आपसी सहयोग का नतीजा है। सब मिल कर वायु प्रदूषण स्रोतों और प्रभावों के बारे में साझा जागरूकता बनाने लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।

समझिए क्या है ये कवायदः क्लीन एयर कैटलिस्ट  यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम है, जो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के नेतृत्व में विभिन्न संस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है। यह कार्यक्रम दुनिया के तीन शहरों में हो रहा है। इनमें इंदौर के अलावा नाइरोबी और जकार्ता शामिल हैं।

साल 2020 में शुरू किया गया यह कार्यक्रम वायु प्रदूषण को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और लोगों की सेहत में सुधार करने वाले स्थानीय स्तर के उपायों के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। क्लीन एयर कैटलिस्ट के अन्य भागीदारों में कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल, क्लीन एयर टूलबॉक्स फॉर सिटीज़, क्लाइमेट ऐंड क्लीन एयर कोअलीशन, इंटरन्यूज़, एमएपी-एक्यू, ओपन एक्यू और वाइटल स्ट्रेटजीज़ शामिल हैं।


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