अदानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने किया 2030 तक 10 करोड़ पेड़ लगाने का वादा


गौतम अडानी ने कहा कि हमारी कंपनी कार्बन को कार्बन न्यूट्रल में बदलने में प्रयासरत है और धीरे-धीरे इसे हमको शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचाना है।


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दावोस में हो रहे विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा है कि COP 21 के द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बन सिंक बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के तहत हमारा अडानी समूह आने वाले वर्ष 2030 तक 100 मिलियन यानी 10 करोड़ पेड़ लगाएगा।

उन्होंने बताया कि अब तक अडानी समूह ने कई परियोजनाओं के तहत 29.52 मिलियन यानी 2.95 करोड़ पेड़ लगाए हैं, जिसमें सबसे ज्याद मैंग्रोव के पेड़ शामिल हैं, जो हमारे तटीय क्षेत्रों को स्थिर रखता है। हमारा 2030 तक 37.10 मिलियन यानी 3.7 करोड़ और मैंग्रोव के पेड़ लगाने का लक्ष्य है।

कंपनी का लक्ष्य देश में हो रहे जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करना और बिगड़ती हुई जैव विविधता को रोकना है। हमारी कंपनी कार्बन को कार्बन न्यूट्रल में बदलने में प्रयासरत है और धीरे-धीरे इसे हमको शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचाना है।

हमारी कंपनी का लक्ष्य एग्रोफोरेस्ट्री, मैंग्रोव रिस्टोरेशन और अर्बन ट्री प्लानिंग के क्षेत्र में है। हमारी कंपनी कॉर्पोरेट एग्री सस्टेनेबिलिटी के साथ साझेदार है जो निकाय द्वारा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्यों की निगरानी करेगी। इन तीन मुख्य लक्ष्यों के साथ-साथ नर्सरी और बीजों का विकास, वन प्रबंधन, शिक्षा, सामुदायिक गतिशीलता, डेटा संग्रह और प्रबंधन आदि में संस्था की भागीदारी रहेगी।

मैंग्रोव और स्थलीय पेड़ों के नए वृक्षारोपण का लेखा-जोखा रिमोट सेंसिंग, ड्रोन और उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी के साथ-साथ आईओटी सेंसर के द्वारा निगरानी रखी जाएगी। इसकी कुल 282 साइटें 21 राज्यों में फैली हुई हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को चिन्हित किया गया है।

वर्ष 2020 में 1t.org नामक वेबसाइट लॉन्च की गई थी, जो विश्व आर्थिक मंच का एक हिस्सा है। यह संयुक्त राष्ट्र के द्वारा निर्धारित प्रकृति के पारिस्थितिक तंत्र की बहाली और उसके अनुकूलता का समाधान करेगा।

पिछले तीन वर्षों में इसके अन्तर्गत कुल 80 कंपनियां जुड़ी हैं, जिन्होंने दुनिया भर में वृक्षारोपण अभियान लिए इसके साथ गठजोड़ किया है। इसके मुख्य देशों में अमेरिका, अमेज़ॉन बेसिन, ग्रेट ग्रीन वॉल और भारत शामिल हैं।


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