भोपाल। स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरु करने को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ़ शैक्षणिक संस्थानों का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थान, स्कूल और कॉलेज सभी शासन के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हो गए हैं। उनकी मांग जल्द स्कूल और कॉलेज शुरु किए जाने है। जिस पर सराकर के द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की संस्था एसोसिएशन ऑफ अन एडिड प्राइवेट स्कूल्स के सदस्यों ने बताया कि 14 दिसंबर को ही मुख्यमंत्री के आवास को घेर कर विरोध प्रदर्शन की योजना थी लेकिन सदस्यों ने निर्णय लिया है कि सरकार को इस मामले में थोड़ा समय और दिया जाए लेकिन इस दौरान विरोध जारी रहेगा। जिसमें प्रदेशभर के सभी निजी शिक्षण संस्थान भाग लेंगे।
संस्था के सदस्यों ने फैसला किया है कि मंगलवार को सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे यहां पर किसी तरह का कोई काम या पढ़ाई भी नहीं की जाएगी। संस्था के सदस्यों ने बताया कि 14 दिसंबर तक अगर सरकार किसी तरह के आदेश जारी नहीं करती है तो 15 दिसंबर से वह ऑनलाइन क्लास का संचालन भी नहीं करेंगे।
इसके बाद 16 दिसंबर को सरकार की शिक्षा के प्रति अनदेखी और मनमानी आदेशों के खिलाफ पूरे प्रदेश के शिक्षक स्कूल संचालक और पालक तथा छात्र भोपाल के शाहजहानी पार्क में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनों से निजी स्कूल संचालक अपनी समस्याएं सरकार को बता रहे हैं। उन्होंने स्कूल खोलने की मांग की है और विश्वास दिलाया है कि बच्चों की सुरक्षा, कोरोना से बचाव के लिए सभी तरह के नियमों का पालन करेंगे। इसे लेकर धार, इंदौर, जबलपुर, भोपाल, सागर, नरसिंपुर आदि जिलों से विरोध की खबरें आती रहीं हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद निजी स्कूल संचालकों ने भोपाल में विरोध करने का फैसला लिया है।
ये हैं प्रमुख मांगे
- 31 मार्च 2021 तक पहली से आठवीं कक्षा के लिए स्कूल बंद रखने के निर्णय को वापस लिया जाए।
- कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल अभी खोले जाएं। संचालकों ने बताया कि इस दौरान को रोना बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
- कक्षा छठवीं से आठवीं तक 4 जनवरी 2021 से शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किया जाए।
- केवल प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर जनरल प्रमोशन किसी भी कक्षा में विद्यार्थियों को ना दिया जाए।
- सभी शैक्षणिक संस्थानों के भवनों के बिजली बिल उनके उपयोग अनुसार लिए जाएं। बिजली के पुराने बिल समायोजित किए जाएं।
- स्कूलों का संपत्ति कर, स्कूल वाहनों का रोड टैक्स एवं परमिट टैक्स इस वित्तीय वर्ष के लिए शून्य घोषित किया जाए।
- स्कूलों को परीक्षा शुल्क लेने की छूट दी जाए।
- स्कूल खोलने पर वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क, ट्रांसपोर्ट शुल्क भी उपयोग के अनुसार लेने की अनुमति दी जाए।