भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। MP बोर्ड की घोर लापरवाही के कारण ही 10वीं और 12वीं कक्षाओं के तीन लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स सालाना परीक्षा फॉर्म भरने से चूक गए।
परीक्षा फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 15 दिसंबर थी। बोर्ड के पोर्टल (http://mpbse.nic.in) में गड़बड़ी और सर्वर डाउन होने की वजह से करीब तीन लाख छात्र (10वीं और 12वीं के मिलाकर) फॉर्म नहीं भर सके थे।
फॉर्म की एंट्री करने पर करीब 40 फीसदी फॉर्म को पोर्टल एक्सेप्ट ही नहीं कर रहा था। बार-बार ट्राई करने की वजह से सर्वर भी डाउन हो रहा था। साथ ही साथ इस सर्वर पर छात्रों का डेटा अपडेट नहीं होने की वजह से हजारों छात्रों के एनरॉलमेंट और रोल नंबर से परीक्षा फॉर्म नहीं खुल सके।
बोर्ड खुद के पोर्टल से भरवा फॉर्म –
बता दें कि 14 करोड़ रुपये सालाना खर्च बचाने के लिए एमपी ऑनलाइन की सेवाएं छोड़कर बोर्ड खुद के पोर्टल से परीक्षा फॉर्म भरवा रहा है। पोर्टल के सर्वर में कई दिक्कतें हैं।
फीस 900 लेकिन पेनाल्टी 2000 रुपये –
परीक्षा फॉर्म भरने से चूक गए इन स्टूडेंट्स के पास लेट फीस देकर परीक्षा फॉर्म भरने का विकल्प था, लेकिन यह बहुत ज्यादा थी। परीक्षा फीस तो 900 रुपये थी, लेकिन लेट फीस 2 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक है।
स्कूल संचालकों ने रखी समस्या, तब जाकर मिली थोड़ी राहत –
स्कूल संचालकों द्वारा मंडल के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया के सामने समस्या रखे जाने के बाद उन्होंने बुधवार को 31 दिसंबर तक लेट फीस दो हजार की जगह 100 रुपये कर दी।
31 दिसंबर के बाद पुराने नियम से ही देना होगा लेट फीस –
अब 31 दिसंबर तक परीक्षा फॉर्म भरने पर 100 रुपये ही लेट फीस लगेगी। हालांकि, 31 दिसंबर के बाद पुराने नियम के हिसाब से ही लेट फीस देनी होगी। यह 2 से 10 हजार रुपये तक है।