इंदौरः कोचिंग संस्थाओं की ऑनलाइन क्लासेज शुरू, फिर भी छात्र नहीं कर पा रहे डाउट क्लीयर


विद्यार्थिों का मानना है कि ऑनलाइन क्लास में इतने सारे बच्चे एकसाथ रहते हैं तो वे ठीक तरह से अपनी बातों को ट्यूटर या टीचर्स के सामने नहीं रख पाते हैं।


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इन्दौर Updated On :
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इंदौर। इंदौर को स्टूडेंटस का हब कहा जाता है, जहां देश के लगभग सभी राज्यों से विद्यार्थी पढाई करने के लिए आते हैं। कोोरना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन में अपने-अपने घर लौट गए छात्र एक बार फिर से अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए वापस शहर में आ चुके हैं।

इंदौर शहर में तकरीबन 70 फीसदी विद्यार्थी कोचिंग संस्थाओं में पढ़ाई करते हैं। इनमें कई प्रतियोगी परीक्षाओं, दसवीं-बारहवीं और अन्य स्ट्रीम के छात्र शामिल होते हैं।

कोरोना गाइडलाइन की वजह से फिलहाल तो शहर के कोचिंग संस्थान बंद हैं, लेकिन इन कोचिंग संस्थानों ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी हैं। इसके बावजूद कई विद्यार्थी अपने डाउट्स को क्लीयर नहीं कर पा रहे हैं।

इन विद्यार्थिों का मानना है कि ऑनलाइन क्लास में इतने सारे बच्चे एकसाथ रहते हैं तो वे ठीक तरह से अपनी बातों को ट्यूटर या टीचर्स के सामने नहीं रख पाते हैं।

हालांकि, विद्यार्थियों के पास लाइब्रेरी के रूप में दूसरा विकल्प होता है, लेकिन वहां भी वे बस किताबें पढ़ सकते हैं। उनको वहां भी अपने डाउट्स को क्लीयर करने में कोई खास मदद नहीं मिल पाती है।

कई विद्यार्थी चार-पांच सालों से इंदौर शहर में रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अभी भी शिक्षा का अच्छा स्तर नहीं देखकर वे हताश हो रहे हैं।

मैं पिछले 4 सालों से इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहा हूं। आज तक मैंने पढ़ाई को लेकर इस तरह की परेशानी नहीं देखी है। वैकेंसी भी सरकार द्वारा काफी कम निकाली जा रही है। कोचिंग बंद होने से हमारे डाउट क्लीयर नहीं हो पा रहे हैं।
– विशाल यादव (एसआई की तैयारी कर रहे युवा)

मुझे घर से यही बोलकर भेजा गया था कि इंदौर में पढ़ाई का काफी अच्छा माहौल है और यहां पहले था भी। लेकिन, सरकार ने एक ओर लॉकडाउन खत्म कर सभी सुविधाएं शुरू कर दी हैं। हम एजुकेशन सिस्टम की बात करें तो उसमें सरकार ध्यान नहीं दे पा रही है।
– चेतन चौधरी (एमपीपीएस की तैयारी कर रहे युवा)

मैं अभी दिन के नौ घंटे लाइब्रेरी में बैठती हूं। मुझे डॉक्टर बनना है। नीट की कोचिंग करने के लिए इंदौर आई हूं, लेकिन अभी तो कोचिंग भी बंद हैं। ऑनलाइन क्लास में ज्यादा कुछ समझ नहीं आ पाता है। इसकी वजह से मेरे डाउट क्लीयर नहीं हो पा रहे हैं।
– हर्षिता गुथरिया (नीट की तैयारी कर रही स्टूडेंट)


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