डीएवीवी और आरआरकैट के बीच एमओयू, शोधार्थियों को शोध कार्य में मिलेगी मदद


इस अनुबंध के तहत दोनों संस्थानों के शोधार्थियों को अपने शोध कार्यों में एक-दूसरे संस्थानों की ओर से पूरी मदद मिलेगी और वे वहां की सुविधाओं का भी उपयोग कर पाएंगे…


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डीएवीवी की कुलपति और आरआरकैट के निदेशक की उपस्थिति में हुआ अनुबंध


इंदौर। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में शोध और विकास कार्य करने वाले केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण संस्थान राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी यानी RRCAT और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता हुआ है। आरआरकैट के कन्वेंशन सेंटर में हुए एक कार्यक्रम में दोनों संस्थानों के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे और यहां इस अनुबंध के बारे में जानकारी दी गई। 19 अप्रैल को किये गए इस अनुबंध में डीएवीवी की कुलपति प्रो. रेणु जैन और आरआरकेट के निदेशक डॉ. शंकर वी. नाखे ने अपने-अपने संस्थानों की ओर से हस्ताक्षर किए।

इस अनुबंध के तहत दोनों संस्थानों के शोधार्थियों को अपने शोध कार्यों में एक-दूसरे संस्थानों की ओर से पूरी मदद मिलेगी और वे वहां की सुविधाओं का भी उपयोग कर पाएंगे। अनुबंध के तहत डीएवीवी के पीएचडी छात्र, पोस्ट-डॉक्टरल फेलो, एम.टेक और एमएससी छात्र आरआरकैट में विज्ञान, इंजीनियरिंग विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में रिसर्च प्रोजेक्ट कर सकेंगे। इसके अलावा विद्यार्थी दोनों संस्थान ऐसे क्षेत्रों में साझा शोध कार्य कर सकेंगे जिनमें दोनों को रुचि है।

इस एमओयू पर हस्ताक्षर करते समय डॉ. शोवन कुमार मजूमदार, प्रोफेसर होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट और लेजर बायोमेडिकल एप्लीकेशन डिवीजन के प्रमुख एवं एमओयू कमेटी के प्रमुख और डीएवीवी के स्कूल ऑफ इंस्ट्रुमेंटेशन के प्रमुख डॉ. रत्नेश गुप्ता उपस्थित थे।

इस अवसर पर आरआर कैट के निदेशक डॉ. शंकर वी. नाखे ने आरआरकेट और डीएवीवी के लंबे जुड़ाव के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक के दौरान आरआरकेट के वैज्ञानिक डीएवीवी में विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाने जाते थे और हमारे कई वैज्ञानिकों ने डीएवीवी के डॉक्टरेट कार्यक्रम के ज़रिए पीएचडी की डिग्री हासिल की है। वहीं डीएवीवी की कुलपति डॉ. मिश्रा ने अपने संबोधन में राष्ट्र और समाज के समग्र विकास के लिए इस एमओयू को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने इस तरह के साझा शोध कार्यक्रमों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जिनसे विद्यार्थियों के कौशल विकास में भी मदद मिलेगी।

इस मौके पर दोनों ही संस्थानों के कई वरिष्ठ सदस्य यहां मौजूद रहे। जिनमें डीएवीवी के रेक्टर प्रोफेसर अशोक शर्मा, प्रोफेसर संजीव टोकेकर, निदेशक आईइटी, प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा, प्रमुख, स्कूल ऑफ फिज़िकस और प्रोफेसर संगीता जैन निदेशक आईएमएस थे और आरआरकैट के पी श्रीवास्तव, निदेशक प्रोटॉन एक्सिलेरेटर ग्रुप, और  राजेश आर्य, प्रमुख लेज़र एलेक्ट्रॉनिक डिविज़न एवं चेयरमैन पब्लिक आउटरीच कमिटी शामिल थे।


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