इंदौर। राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी यानी आरआरकैट इंदौर के होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान (एचबीएनआई) के नवचयनित पीएचडी स्कॉलर्स के लिए 13 दिसंबर, सोमवार को इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ये स्कॉलर्स जनवरी 2022 से अपनी डॉक्टरेट रिसर्च शुरू करेंगे। यहां के प्रतिष्ठित पीएचडी कार्यक्रम के लिए फिजिक्स, इंजीनियरिंग साइंस और लाइफ साइंस में 18 पोस्ट ग्रैजुएट्स का चयन किया गया है।
यह पहली बार था कि स्कॉलर्स के माता-पिता व अभिभावकों को भी कार्यक्रम में भाग लेने और आरआरकैट इंदौर परिसर में एचबीएनआई देखने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां उनके बच्चे अगले पांच वर्षों के लिए डॉक्टरेट रिसर्च करेंगे।
आरआरकैट इंदौर में लेजर बायोमेडिकल एप्लीकेशन डिवीजन के प्रमुख और एचबीएनआई में प्रोफेसर डॉ. शोवन के मजूमदार के अनुसार, “यह आरआरकैट के निदेशक डॉ. एसवी नाखे की एक अनोखी पहल है। वह चाहते थे कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए इस मनोरम और सुसज्जित परिसर को देखें।”
प्रत्येक छात्र द्वारा अपना परिचय देने के बाद छात्रों को एचबीएनआई-आरआरकैट के डीन-अकादमिक डॉ. एसआर मिश्रा द्वारा आरआरकैट में एचबीएनआई के बारे में बताया गया। उन्होंने यहां चलाए जा रहे विभिन्न शोध कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने छात्रों को उस क्रेडिट के बारे में भी बताया जो उन्हें रिसर्च स्कॉलर के रूप में अर्जित करना है। उन्होंने उन्हें आरआरकैट में डिजाइन और निर्मित देश के एकमात्र सिंक्रोटन रेडिएशन सोर्सेज इंडस-1 और इंडस-2 के बारे में भी बताया, जो भारत भर के स्कॉलर्स के लिए विभिन्न शोध प्रयोगों का आयोजन करने में चौबीसों घंटे व्यस्त रहने वाली राष्ट्रीय सुविधाएं हैं।
एचबीएनआई-आरआरकैट में स्टूडेंट अफेयर्स के डीन डॉ. क्राइस्ट पी पॉल ने छात्रों को प्रदान की जा रही विभिन्न छात्रावास, प्रशासनिक और खेल सुविधाओं पर एक प्रस्तुति दी।
उन्होंने उन्हें केंद्र में आयोजित होने वाली खेल और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के बारे में भी बताया। उन्होंने छात्र कल्याण के लिए गठित विभिन्न समितियों जैसे छात्र शिकायत निवारण समिति, आंतरिक शिकायत समिति, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए समिति, एंटी रैगिंग और अनुशासन समिति के बारे में जानकारी दी।
आरआरकैट निदेशक डॉ. एसवी नाखे ने छात्रों को अपने संबोधन में उन्हें लगन से काम करने और उन्हें प्रदान की जा रही सुविधाओं का पूरी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को आरआरकैट इंदौर में शुरू की गई सामाजिक महत्व की कई परियोजनाओं के बारे में बताया जहां प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण हुआ है और जो अब आम आदमी को लाभान्वित कर रहे हैं जो आरआरकैट के आदर्श वाक्य “मानवता की सेवा में फोटॉन” को परिलक्षित करता है। यह परमाणु ऊर्जा विभाग के आदर्श वाक्य “राष्ट्र की सेवा में परमाणु” के अतिरिक्त है।
होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान यानी एचबीएनआई को 3 जून, 2005 को एक डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में अधिसूचित किया गया था और इसने 2006 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों की शुरुआत की थी।
होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान एचबीएनआई के एकल अनुसंधान-संचालित ढांचे के तहत, परमाणु ऊर्जा विभाग के निम्नलिखित ग्यारह प्रमुख संस्थानों को एक साथ लाता है।
1. Bhabha Atomic Research Centre (BARC), Mumbai
2. Indira Gandhi Centre for Atomic Research (IGCAR), Kalpakkam
3. Raja Ramanna Centre for Advanced Technology (RRCAT), Indore
4. Variable Energy Cyclotron Centre (VECC), Kolkata.
5. Saha Institute of Nuclear Physics (SINP), Kolkata
6. Institute for Plasma Research (IPR), Gandhinagar
7. Institute of Physics (IoP), Bhubaneswar
8. Harish-Chandra Research Institute (HRI), Allahabad set up in 1966;
9. Tata Memorial Centre (TMC), Mumbai set up in 1941;
10. Institute of Mathematical Science (IMSc.), Chennai set up in 1962 and
11. National Institute for Science Education and Research (NISER), Bhubaneswar, set up in 2007.