250 सीट वाला MP का पहला सरकारी कॉलेज बना भोपाल का जीएमसी


गांधी मेडिकल कॉलेज यानी जीएमसी भोपाल में एमबीबीएस की सीटें 180 से बढ़कर 250 हो गई हैं, जिनके लिए 2020-21 से दाखिले होंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सीट बढ़ाने के संबंध में अनुमति पत्र जारी कर दिया है। इसके लिए अगले महीने काउंसिलिंग शुरू होगी।


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भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज यानी जीएमसी भोपाल में एमबीबीएस की सीटें 180 से बढ़कर 250 हो गई हैं, जिनके लिए 2020-21 से दाखिले होंगे।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने सीट बढ़ाने के संबंध में अनुमति पत्र जारी कर दिया है। इसके लिए अगले महीने काउंसिलिंग शुरू होगी।

इसके साथ ही जीएमसी प्रदेश का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज बन गया है जहां एमबीबीएस की सीटें 250 हो गई हैं।

प्रदेश के सात निजी मेडिकल कॉलेजों में इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 250 सीटें हैं। बाकी निजी कॉलेजों में 150-150 सीटें हैं।

बता दें कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने 250 सीटें करने के लिए अगस्त में जीएमसी का निरीक्षण किया था। इसके बाद एमसीआई की जगह बनाए गए एनएमसी ने निरीक्षण के आधार पर कुछ कमियां बताई थी।

इसमें सबसे बड़ी कमी अस्पताल में बिस्तरों की थी। बिस्तर बढ़ाने के लिए अस्पताल में जगह ही नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने एनएमसी को पत्र लिखकर 2 हजार बिस्तर के अस्पताल में तीन महीने के भीतर 250 बिस्तर बढ़ाने की सहमति दी थी।

एनएमसी ने सीटें बढ़ा दी है। सीढ़ें बढ़ाने के साथ ही एनएमसी ने शर्त रखी है कि सीटें बढ़ाने की मान्यता एक साल के लिए है।

अगले साल फिर से एनएमसी की तरफ से संसाधनों का मूल्यांकन किया जाएगा। 250 सीटों के लिहाज से संसाधन होने पर ही मान्यता मिल पाएगी। पांच साल तक इसी तरह हर साल मूल्यांकन होगा।

इसके बाद पांच-पांच साल में मूल्यांकन किया जाएगा। पिछले साल तक प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1850 सीटें थीं जो अब बढ़कर 1920 हो गई हैं।

भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में भी एमबीबीएस की सीटें 180 से बढ़ाकर 250 करने का प्रस्ताव है।

देशभर में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई जा रही हैं। 150 सीटों के मुकाबले 250 सीटें के लिए बहुत कम संसाधन बढ़ाने की जरूरत पड़ती है।


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