‘इंटरनेशनल मिलेट इयर’ का प्रभाव, मोटे अनाज का बढ़ रहा बाजार


जिस तरह से देश में मोटे अनाजों की मांग बढ़ी है साथ ही स्टार्टअप्स से हर आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए वैल्यू एड प्रोडक्ट बना रही है, उससे आने वाले दिनों में मोटे अनाज का बाजार और बढ़ने वाला है।


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Growing market of coarse grains

नई दिल्ली। ‘इंटरनेशनल मिलेट इयर’ से मोटे अनाज उद्योग पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक बाजार में इसकी वृद्धि और विकास को और बढ़ावा मिलेगा।

आज भारत के पास मोटे अनाजों और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख देश के रूप में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है।

देश के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ अग्रिम मोर्चे पर स्थित एपीडा ने इन अनूठे उत्पादों को पोषक मोटे अनाज के बास्केट से चुना है और इन्हें वैश्विक पोषक अनाज क्रांति लाने के लक्ष्य के साथ वैश्विक बाजार में प्रदर्शित किया है।

एपीडा ने एफएओ द्वारा रोम, इटली में अपने मुख्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया और मोटे अनाजों की विभिन्न किस्मों और मूल्य वर्धित मोटे अनाज उत्पादों को प्रदर्शित किया।

एपीडा ने जकार्ता, मेदान, नेपाल, ब्रुसेल्स, बेल्जियम में मोटे अनाजों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया। इसके अतिरिक्त, मलेशिया, ईयू, यूएई, मलेशिया, जापान और अल्जीरिया के साथ वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक का आयोजन किया गया।

एपीडा ने वैश्विक पहुंच को व्यापक बनाने के लिए भारी प्रयासों के साथ 2025 तक 100 मिलियन डॉलर के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए मोटे अनाज और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के साथ वैश्विक बास्केट को विस्तारित करने के लिए एक मजबूत कार्यनीति बनाई है।

भारत पौष्टिक रूप से समृद्ध भारतीय मोटे अनाजों के एक बास्केट जिसे वैश्विक बाजार में श्री अन्न के नाम से जाना जाता है, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 में आगे बढ़ रहा है।

भारत में बदल रहा मिलेट्स का स्वरूप –

रेडी टू इट, रेडी टू कुक और रेडी टू सर्व उत्पाद सभी आयु समूहों के लिए उपयुक्त पौष्टिक भोजन के रूप में सरल भोजन समाधान की एक सीरीज तैयार करने के लिए 200 से अधिक स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं।

इसके अलावा भारत मोटे अनाजों के वैल्यू एडेड उत्पादों की अद्वितीय किस्मों से समृद्ध है, जिसमें मिलेट पिज्जा बेस, मिलेट आइसक्रीम, आइसक्रीम कोन और कप, मिलेट केक और ब्राउनी, नाश्ते से संबंधित अनाज, पारंपरिक भारतीय डोसा, पोहा, उपमा, पास्ता, नूडल्स मिलेट मिल्क, चाय, खाने योग्य मिलेट चाय के कप जो पर्यावरण के इतने अनुकूल हैं कि उन्हें या तो सीधे खाया जा सकता है या आहार/चारे के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

अन्य खाद्य उत्पाद की बढ़ रही मांग –

इडली, डोसा, इडियप्पम, रोटी, पुट्टू, उपमा, दलिया, चपाती, पैनकेक, वर्मिसेली उपमा, पास्ता, नूडल्स, मैक्रोनी, सूजी/सूजी, मूसली, इंस्टेंट मिक्स नाश्ते की सामग्री के रूप में मुड्डे, हलवा, अधिरसम, केसरी, पौष्टिक गेंद, मिठाई के रूप में पायसम/खीर, वड़ा, पकौड़ा, मुरुक्कू, भेलपुरी, बोली, पापड़, रेडी टू ईट मिक्स, फ्लेक्स, पफ, बाजरे के लड्डू, मोटे अनाज के रस्क स्नैक्स के रूप में और कुछ बेकरी उत्पाद जैसे ब्रेड, केक, कुकीज, सूप स्टिक, खाद्य बिस्किट कप, हेल्थ बार, स्प्रेड, मफिन, आदि जैसे मोटे अनाज के साथ बहुत सारे वैल्यू ऐडेड उत्पाद बनाए गए हैं।

बीयर, सूप, माल्टेड बाजरा आधारित पेय, अंकुरित रागी ड्रिंक मिक्स, मल्टीग्रेन ड्रिंक मिक्स, रेडी टू ड्रिंक पेय जैसे पेय पदार्थ मोटे अनाजों के साथ भी बनाये गये हैं। इनके अतिरिक्त, मोटे अनाजों से बने कुछ अन्य खाद्य पदार्थों में बिरयानी, वीनिंग फूड/शिशु आहार, चाट मिक्स आदि शामिल हैं।

मोटे अनाज की बाजार पर ‘धाक’ की शुरुआत –

जिस तरह से देश में मोटे अनाजों की मांग बढ़ी है साथ ही स्टार्टअप्स से हर आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए वैल्यू एड प्रोडक्ट बना रही है, उससे आने वाले दिनों में मोटे अनाज का बाजार और बढ़ने वाला है। साथ ही मोटे अनाजों के प्रचार-प्रसार की यात्रा ने मोटे अनाजों के निर्यात में तेजी प्रदर्शित करते हुए सकारात्मक प्रभाव डाला है।

भारत को मोटे अनाजों के प्रमुख उत्पादक से अग्रणी निर्यातक देश के रूप में ले जाने, देश भर में लाखों भारतीय किसानों के लिए एक समृद्ध भविष्य की दिशा में योगदान देने और खाद्य तथा पोषण संबंधी सुरक्षा अर्जित करने के लिए मूल्यवान योगदान देने की पूरी तैयारी की जा रही है। भारतीय मोटे अनाजों के गुणों को वैश्विक उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए यात्रा अभी आरंभ हुई है।


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