नई दिल्ली। सरकार जानवरों को प्रभावित करने वाली महामारी रोगों से बचाने के लिए ‘पशु महामारी तैयारी पहल (APPI)’ और विश्व बैंक के सहयोग से एनिमल हेल्थ सिस्टम सपोर्ट फॉर वन हेल्थ (AHSSOH) परियोजना शुरू कर रही है।
इन परियोजनाओं का शुभारंभ केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला 14 अप्रैल को नई दिल्ली में करेंगे।
कई बीमारियां जानवरों से मानवों में पहुंच रही है। भविष्य की महामारी से लोगों, जानवरों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दृष्टि से एक समग्र वन हेल्थ नामक परियोजना शुरू की जा रही है।
इसका उद्देश्य पशु स्वास्थ्य प्रणाली की प्रबंधन प्रणाली के लिए एक परिस्थितिक तंत्र बनाना है। इस परियोजना के माध्यम से पशु स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से जुड़े हितधारकों की क्षमताओं में सुधार किया जाएगा है।
इस परियोजना में मानव स्वास्थ्य, वन और पर्यावरण विभाग द्वारा राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर सहभागिता और स्वास्थ्य ढांचे को विकसित करने की बात की गई है।
Union Minister @PRupala to launch the “Animal Pandemic Preparedness Initiative (APPI)” as well as the World Bank funded Animal Health System Support for One Health (AHSSOH) project
🕰️14th of April 2023
📍India Habitat Center, New DelhiDetails: https://t.co/3JSdAyxTGK
— PIB India (@PIB_India) April 13, 2023
पांच राज्यों में होगी लागू –
इस परियोजना में पांच राज्यों के 151 जिलों को कवर किया जाएगा जिसके तहत 75 जिला व क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं और 300 पशु चिकित्सा अस्पतालों व औषधालयों को अपग्रेड किया जाएगा।
साथ ही इसमें 9 हजार पशु चिकित्सा सहायकों व नैदानिक पेशेवरों और 5500 पशु चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करने का भी लक्ष्य है। इसके तहत छह लाख घरों तक पहुंचकर सामुदायिक स्तर पर जूनोटिक रोगों की रोकथाम और महामारी की तैयारी पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
पांच साल की अवधि होगी –
यह परियोजना 1228.70 करोड़ के वित्तीय प्रावधान के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में पांच साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इसके अलावा यह परियोजना पशु चिकित्सकों और अर्ध-पशु चिकित्सकों के निरंतर प्रशिक्षण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करेगी जो जानवरों को प्रभावित करने वाली महामारी संबंधी बीमारियों की तैयारी में मदद करेगा।
APPI की जरूरत क्यों है –
मजबूत पशु स्वास्थ्य प्रणाली वन हेल्थ दृष्टिकोण का अनिवार्य हिस्सा है। यह गरीब किसानों की खाद्य सुरक्षा और आजीविका का समर्थन करने और उभरते संक्रामक रोगों (EID), ज़ूनोज़ और AMR के जोखिम को कम करने के लिए भी बहुत जरूरी है।
भविष्य में ऐसी पशु महामारी के लिए तैयार रहना राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन की प्राथमिकता है। राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन के एक हिस्से के रूप में विभाग ने भविष्य की पशु बीमारियों एवं महामारियों के लिए ‘पशु महामारी तैयार पहल (APPI)’ की एक केंद्रित संरचना की कल्पना की है।
APPI के तहत मुख्य गतिविधियां जो निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं, इस प्रकार हैं…
- निर्धारित संयुक्त जांच एवं प्रकोप प्रत्युत्तर टीमें ( राष्ट्रीय एवं राज्य )
- एक समग्र समेकित रोग निगरानी प्रणाली की रूपरेखा तैयार करना ( राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन )
- विनियामकीय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना ( अर्थात नंदी ऑनलाइन पोर्टल एवं प्रक्षेत्र परीक्षण दिशानिर्देश )
- रोग मॉडलिंग एल्गोरिदम तथा आरंभिक चेतावनी प्रणाली का सृजन करना
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ आपदा न्यूनीकरण की कार्यनीति का निर्माण
- प्राथमिकता वाले रोगों के लिए टीकों/नैदानिक/उपचारों को विकसित करने के लिए लक्षित अनुसंधान एवं विकास आरंभ करना
- रोग का पता लगाने की समयबद्धता और संवेदनशीलता में सुधार लाने के लिए जीनोमिक एवं पर्यावरण संबंधी निगरानी पद्धतियों का निर्माण करना।