भोपाल। दमोह उपचुनावों के दौरान तो राजनीति तेज़ रही ही है। अब परिणाम घोषित होने के बाद भी राजनीति अपने उफ़ान पर है। नेताओं को पार्टी से निकालने के साथ-साथ प्रशासनिक और पुलिष अफसरों पर भी तबादले की कार्रवाई की गई है।
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि इन अधिकारियों को चुनाव संपन्न कराने से ज्यादा चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी भी सरकार की ओर से दी गई थी। जो मन मुताबिक नहीं होने से इनके तबादले कर दिए गए हैं।
सोशल मीडिया पर लोग इस सवाल को लगातार पूछ रहे हैं और मज़ाकिया टिप्पणियां भी कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मुखर है। सभी कांग्रेसी नेता सरकार की तौर-तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मुद्दे पर भाजपा और प्रदेश सरकार को घेरा है।
दमोह उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की करारी हार के बाद दमोह के ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक का तबादला करना हैरान करता है।
शिवराज सरकार के इस कृत्य से एक सवाल उठता है कि क्या बीजेपी को चुनाव जिताने की ज़िम्मेदारी कलेक्टर और एसपी को सौंपी गई थी ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 8, 2021
इसके अलावा कमलनाथ ने पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक रहे जयंत मलैया पर पार्टी के द्वारा की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है।
दमोह चुनाव की पराजय का दूसरा शिकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया एवं उनके पुत्र सिद्धार्थ मलैया को बनाया जा रहा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 8, 2021
पूर्व मुख्मंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और भाजपा और प्रदेश सरकार से सवाल पूछे। इस दौरान कांग्रेस के दूसरे नेता भी इसी मुद्दे पर ट्वीट करते रहे। दमोह उपचुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नेताओं और सरकार द्वारा अधिकारियों पर की गई इस कार्रवाई के बाद उपजे इस विवाद ने कांग्रेस को चुनाव में जीत के बाद कुछ और मजबूती दी है। कांग्रेसी दमोह में जनता को अधिकारियों के तबादलों पर बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं और ज़ाहिर है यह संदेश भाजपा के खिलाफ़ ही है।