भोपाल। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला अब गर्माने लगा है। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में उन पर आरोप लगाए जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने साथ ही तीन दिन में माफी मांगने की बात कही है। यह नोटिस रविवार को पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तन्खा की ओर से भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भाजपा नेताओं के इस आरोप से तन्खा की सामाजिक छवि धूमिल हुई है।
नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मामला विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए। यहां विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था, उसके आधार पर फैसला आया है।
मेने अधिवक्ता शशांक शेखरजी के द्वारा10करोड़ का मानहानि,अन्य सिविल, क्रिमनल कार्यवाही का नोटिस श्री शिवराजसिंह,श्री विष्णुदत्त शर्मा,श्री भूपेंद्रसिंह को भेजा है। यदि3दिवस में ये स्थिति स्पष्ट नही करते तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
— Vivek Tankha (@VTankha) December 19, 2021
उल्लेखनीय है कि तन्खा को लेकर बीडी शर्मा का भी बयान आया था। वहीं, रविवार को भूपेंद्र सिंह का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से पैरवी करने वाले वकील विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के लिए कहा था।
प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की तरह मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसमें राज्य स्तरीय आयोग के गठन की स्थापना करने का उल्लेख है। यह आयोग इस वर्ग की आबादी की गणना कर सिफारिश सरकार को देगा। इसके आधार पर आरक्षण तय किया जाएगा।
विवेक कृष्ण तन्खा की ओर से दिए गए नोटिस पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि फांसी भी लग जाए तो चिंता नहीं है। 52 प्रतिशत ओबीसी के साथ इन्होंने अन्याय किया है। कैसे बर्दाश्त करेंगे। उन्हें पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया है। इतने वर्षों से आरक्षण मिल रहा था। हमारी सरकार ने आरक्षण दिया है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर रुकवा दिया है। मुख्यमंत्री कमल नाथ के स्थगन प्रस्ताव लाने की बात पर उन्होंने कहा कि वे इसे लेकर आएं, हम जवाब देंगे। किस मुंह से स्थगन लाएंगे। सब कुछ कांग्रेस का किया हुआ है। हम इनसे जवाब मांगेंगे।