डूब प्रभावितों को लेकर सीएम शिवराज से मिलने के लिए धरना देने को मजबूर हुए दो पूर्व मुख्यमंत्री


दिग्विजय सिंह जिस समय धरना दे रहे थे ठीक उसी समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्टेट हैंगर पर मुलाकात कर रहे थे।


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राजनीति Updated On :
kamalnath and digvijay singh dharna

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रवैये से नाराज़ भूतपूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह अब धरना दे रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को ही मुख्यमंत्री निवास के सामने अपने धरने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार को उनके निवास के बाहर एहतियातन पुलिस लगा दी गई। हालांकि दिग्विजय बाहर निकले लेकिन कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

दिग्विजय सिंह जिस समय धरना दे रहे थे ठीक उसी समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्टेट हैंगर पर मुलाकात कर रहे थे। ऐसे में भाजपाईयों को एक बार फिर दिग्विजय सिंह पर राजनीतिक हमला करने का मौका मिल गया।

भोपाल के स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात करते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

हालांकि इसके बाद खुद कमलनाथ भी धरने के लिए पहुंचे और दिग्विजय के साथ ज़मीन पर बैठ गए। कमलनाथ ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिग्विजय सिंह डेढ़ महीने से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं।

 

टेम और सुठालिया बांध के विस्थापन के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री निवास के सामने धरने का ऐलान किया था। जिसके बाद से ही उनके बंगले के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

दिग्विजय सिंह  टेम और सुठालिया बांध मुद्दे पर बात करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर समय मांगा था। करीब एक महीने के इंतजार के बाद उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर 21 जनवरी को सुबह ग्यारह बजे का समय दिया गया जिसे एक दिन पहले ही निरस्त कर दिया गया। हालांकि अब मुख्यमंत्री शिवराज ने दिग्विजय को 23 जनवरी दोपहर 12 बजे मुलाकात का समय दिया है।

दिग्विजय सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि टेम और सुठालिया बांध से जिन किसानों की जमीन डूब में आ रही है, उन्हें बेहद कम मुआवजा दिया जा रहा है। उनकी मांग को लेकर हम मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं। इसके लिए पिछले डेढ़ माह से समय मांग रहे हैं लेकिन समय नहीं दिया जा रहा है। आखिर समय क्यों नहीं दिया जा रहा है।

मुलाकात करने में समस्या क्या है। हम सिर्फ विस्थापित किसानों को उनका हक दिलाना चाहते हैं। सरकार पांच लाख प्रति हेक्टयर मुआवजा दे रही है। जबकि, वहां बाजार मूल्य 20 से 25 लाख रुपये हेक्टयर है। हमें अभी सूचना दी गई है कि मुख्यमंत्री 23 जनवरी को 12:00 बजे मुलाकात करेंगे लेकिन अब मौखिक आश्वासन नहीं लिखित में चाहिए। जब मैं मुख्यमंत्री था तब इंदिरा सागर बांध के डूब में आ रहे हरसूद का विस्थापन किया था 66 हजार प्रभावितों को पर्याप्त मुआवजा दिलाया था और कोई विरोध नहीं था।

उन्होंने कहा कि जहां तक बात मुलाकात की है तो जब मैं मुख्यमंत्री था तब पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा हों या फिर कैलाश जोशी समय मांगने पर मैं तो उनके घर ही चला जाता था। जब तक हमें लिखित में मुलाकात करने की सूचना नहीं मिल जाती है तब तक धरने पर बैठेंगे।

यह है मामला…

राजगढ़ की सुठालिया, भोपाल और विदिशा जिले की सीमा टेम सिंचाई परियोजना से डूब में आने वाले गांव और विस्थापितों के मुआवजा को लेकर सियासत होने लगी है। दोनों परियोजना से पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि डूब में आ रही है। डेढ़ हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होंगे। सरकार इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दे रही है। प्रभावित इसे कम बताकर विरोध कर रहे हैं।इनके समर्थन में दिग्विजय सिंह भी आ गए हैं।


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