भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को निरस्त कर दिया है। इससे पहले आयोग की ओर से दिन भर इस ख़बर का इंतजार होता रहा लेकिन चुनाव निरस्त होने की जानकारी देर शाम को जारी की गई। इसके बाद आयोग ने निर्वाचन से जुड़ी अन्य सभी प्रक्रियाओं को रोक दिया है।
राज्य सरकार ने रविवार को ही चुनाव संबंधी अध्यादेश वापस ले लिया था। इसके लिए दो दिन से आयोग विधि विशेषज्ञों से परामर्श रहा था। चुनाव प्रक्रिया निरस्त होने के बाद अब उम्मीदवार अब अपनी जमानत राशि वापस ले सकेंगे।
आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश-2021 के आधार पर चार दिसंबर को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था। इसमें वर्ष 2019 में पंचायतों के परिसीमन को निरस्त करके पुराने आरक्षण के आधार पर चुनाव कराए जा रहे थे, जिसे विभिन्न् याचिकाकर्ताओं द्वारा न्यायालयों में चुनौती दी गई थी। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित पदों के चुनाव पर रोक लगाते हुए शेष प्रक्रिया को जारी रखने के आदेश दिए थे।
इस मामले में सरकार द्वारा विधि विशेषज्ञों से राय ली गई और उन्होंने कहा कि जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव प्रक्रिया संचालित की जा रही थी वह अब समाप्त हो चुका है और ऐसे में चुनाव कराने का भी कोई औचित्य नहीं है। दरअसल, अध्यादेश वापस लेने से वह परिसीमन पुन: लागू हो गया, जिसे निरस्त किया गया था। इसके साथ ही 1200 से ज्यादा पंचायतें फिर से अस्तित्व में आ गईं हैं। ऐसी स्थिति में चुनाव कराया जाना संभव ही नहीं था। आयोग ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 42 में दी गई शक्ति और मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 18 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चुनाव कार्यक्रम और इससे संबंधित सभी कार्यवाहियों को निरस्त कर दिया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने आदेश में कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल मार्च, 2020 में समाप्त हो चुका है और चुनाव की प्रक्रिया में काफी विलंब हो चुका है। आगामी चुनाव प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 दिसंबर 2021 को पारित आदेश का पालन करते हुए जल्द प्रारंभ की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने आदेश में कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल मार्च, 2020 में समाप्त हो चुका है और चुनाव की प्रक्रिया में काफी विलंब हो चुका है। आगामी चुनाव प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 दिसंबर 2021 को पारित आदेश का पालन करते हुए जल्द प्रारंभ की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने आदेश में कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल मार्च, 2020 में समाप्त हो चुका है और चुनाव की प्रक्रिया में काफी विलंब हो चुका है। आगामी चुनाव प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 दिसंबर 2021 को पारित आदेश का पालन करते हुए जल्द प्रारंभ की जाएगी।