प्रेस विज्ञप्ति में लिखा गया है कि, ‘भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद के धर्म के अभ्यास का अधिकार देता है। जैसा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, हम भारत को एक महान देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां सभी समान हैं और हर कोई सम्मान के साथ रहता है, जहां सभी भारत की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां सभी विकास और विकास के फल का आनंद लेते हैं।’ नुपुर शर्मा पर कार्रवाई पार्टी के संविधान के नियम 10 (a) के तहत की गई है। इस पूरे मामले की जब तक जांच हो रही है तब तक आपको पार्टी से निलंबित किया जाता है।
भाजपा की इस कार्रवाई की प्रशंसा की जा रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। इसे एक स्वच्छ राजनीति की कोशिश बताया जा रहा है। हालांकि धर्मान्ध बयानों को लेकर यह बदली हुई राय उस खबर के बाद दिखाई दे रही है जिसके मुताबिक अमेरिका में भारत में अल्पसंख्यकों पर आए दिन हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। इसका असर भारत के व्यापारिक संबंधों पर भी पड़ सकता है। ऐसे में सरकार किसी भी तरह की कट्टरपंथी छवि बनाए जाने से बचना चाहती है।
रोज नफ़रत फैलाते थे।आज विदेश जमीन पर व्यवसाय की चोट लगी तो नफरत फैलाने वालों को निष्कासित कर दिया। उम्मीद है देश में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ भी ऐसे ही कार्यवाही होगी !
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) June 5, 2022
पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख भी ज्ञानवापी मामले में एक नरम पक्ष का बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी का मामला अलग है लेकिन हर मंदिर में शिवलिंग क्यों खोजा जाना चाहिए। यह गलत है।
इस कार्रवाई के लिए बीजेपी की मुक्तकंठ प्रशंसा होनी चाहिए। 👏 pic.twitter.com/KrKho4hTG7
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) June 5, 2022
हालांकि कांग्रेसी नेताओं ने इसे देरी से की गई कार्रवाई बताया है। दरअसल इससे पहले भी कई नेता सीधे किसी धर्म विशेष पर आक्रमण न करते हुए चरमपंथी रवैये में टिप्पणियां कर चुके हैं। जिसके बाद से ही विदेशों में भारत की इस बदलती छवि की चर्चा लगातार हो रही है। कुछ महीनों पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी विदेश दौरे में मीडिया के ऐसे सवालों का सामना करना पड़ा था।
धर्म का मज़ाक़ उड़ाने वाले प्रवक्ताओं को पहले दिन ही निकाल दिया होता तो बाहर के मुल्क में इतनी थू थू नहीं होती।
ये अपने कर्मों से देश को डुबो कर छोड़ेंगे।
— Anil Yadav (@anil100y) June 5, 2022
नुपुर शर्मा पर कार्रवाई करने के बाद भाजपा ने इसे एक बार फिर भुना लिया है। सोशल मीडिया पर पार्टी के इस कदम को लेकर लोगों में मिली जुली राय है लेकिन ज्यादातर लोग इसे सही बता रहे हैं और वहीं बहुत से विपक्षी दलों के नेता भी इसे अच्छा कदम बता रहे हैं। इस दौरान ट्विटर पर नुपुर शर्मा से जुड़ी यह ख़बर ट्रैंडिंग में बनी हुई है।